561 करोड़ रुपए एनपीए की श्रेणी में उन्होंने कहा कि जोखिम में फंसी संपदा में इस तिमाही में बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि, 561 करोड़ रुपए का एक ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की श्रेणी में आ गया है, लेकिन इसी दौरान एक सरकारी बिजली परियोजना के 1,100 करोड़ रुपए के ऋण का उन्नयन कर पुनर्गठन की श्रेणी में डाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि पहली तिमाही में 17,238 करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए हैं जिनमें से 15,445 करोड़ रुपए के प्रावधान अनुमानित ऋण नुकसान के लिए किया गया है।
मौजूदा समय में कुल 2.85 लाख का ऋण बाजार में शर्मा ने कहा कि पीएफसी की कुल ऋण संपदा 2.85 लाख करोड़ रुपए का है, जिसमें से 2.33 करोड़ रुपए के ऋण सरकारी परियोजनाओं में हैं। निजी क्षेत्र में 52 हजार करोड़ रुपए के ऋण हैं जो कुल ऋण संपदा का 18 फीसदी है। इसमें से 21 हजार करोड़ रुपए के ऋण खाते का संचालन जारी है और ऋण का नियमित भुगतान मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 28 परियोजनाएं जोखिम में हैं जिनमें से पांच परियोजनाओं में 5,300 करोड़ रुपए के ऋण हैं। इन खातों के वैधानिक निपटान की प्रक्रिया जारी है और इनमें कुछ कम वसूली होने का अनुमान है। कुल 8,254 करोड़ रुपए की पांच परियोजनाओं का मामला निपटान के अंतिम चरण में है, जबकि 8,156 करोड़ रुपए की दो परियोजनाओं में कर्जदारों ने समाधान की दिशा में काम शुरू किए हैं।