scriptरोजगार देने में नाकाम रहे पीएम मोदी, नहीं निभा पाए कोई वादा, फेल हुई ये योजनाएं | Prime Minister Narendra Modi failed to provide employment | Patrika News

रोजगार देने में नाकाम रहे पीएम मोदी, नहीं निभा पाए कोई वादा, फेल हुई ये योजनाएं

locationनई दिल्लीPublished: Jan 05, 2019 10:58:08 am

Submitted by:

Dimple Alawadhi

मोदी को सत्ता संभाले 4.5 साल से भी ज्‍यादा का समय हो गया है। लेकिन तब भी देश में रोजगार के नए मौकों के सृजन ने अपेक्षित रफ्तार नहीं पकड़ी है।

Narendra Modi

रोजगार देने में नाकाम रहे पीएम मोदी, नहीं निभा पाए कोई वादा, फेल हुई ये योजनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में सत्ता में आने से पहले भारत के करोड़ों लोगों को रोजगार देने का वादा किया था। इसके लिए उन्होंने तरह-तरह की योजनाओं की शुरुआत भी की। लेकिन योजनाओं की शुरुआत करने से ज्यादा जरूरी ये है कि वो कितनी सफल रहीं। मोदी को सत्ता संभाले 4.5 साल से भी ज्‍यादा का समय हो गया है। लेकिन तब भी देश में रोजगार के नए मौकों के सृजन ने अपेक्षित रफ्तार नहीं पकड़ी है।


फेल हुई मोदी की योजनाएं

मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम इस दिशा में एक अहम कदम था। 12,000 करोड़ रुपए खर्च कर देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में स्किल डेवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी खोले गए हैं। लेकिन इन तमाम कोशिशों का कोई लाभ नहीं हुआ। इस योजना के तहत वर्ष 2016 से 2020 के बीच एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्‍य रखा गया था। लेकिन तीन साल का वक्‍त बीतने के बावजूद अभी तक निर्धारित लक्ष्‍य का आधा भी हासिल नहीं किया जा सका है। लगभग ऐसा ही हाल है कौशल विकास योजना का, जिसके तहत रोजगार के लिए युवाओं के अनेक प्रयासों के बावजूद कोई लाभ नहीं हुआ। प्रशिक्षण हासिल करने वालों में से तकरीबन एक तिहाई को ही रोजगार मिल पाया है।


इन राज्यों में इतने लोगों को मिला रोजगार

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्‍य रखा गया था। लेकिन 3 साल में महज 33 लाख को ही प्रशिक्षण दिया गया और अभी तक उनमें से सिर्फ 20 लाख को प्रमाणपत्र सौंपा गया है। इतना ही नहीं, जिनको प्रमाणपत्र दिया गया है, उनमें से सिर्फ 10 लाख युवाओं को ही नौकरी मिल सकी है। इस योजना के तहत उत्‍तर प्रदेश में 4.14 लाख युवाओं को प्रमाणपत्र दिया गया। लेकिन इनमें से महज 28 फीसद को ही नौकरी मिल सकी है। दिल्‍ली में 1.55 लाख ने प्रशिक्षण लिया, जबकि 1.16 लाख को प्रमाणपत्र दिया गया। लेकिन नौकरी महज 30 फीसद युवाओं को मिली। बिहार का हाल भी कुछ ऐसा ही है। बिहार में 1.71 लाख युवाओं ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण लिया और 1.29 लाख को प्रमाणपत्र दिया गया, लेकिन इनमें से महज 23 फीसदी को ही रोजगार मिल सका।

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो