ये भी पढ़ें: आम जनता को झटका देने की तैयारी में मोदी सरकार, जीएसटी में हो सकता है बड़ा बदलाव केंद्र से किया आग्रह रघुराम राजन ने एक पत्रिका में लिखे अपने लेख में अर्थव्यवस्था को मुसीबत से निकालने के लिए उपायों की चर्चा करते हुए पूंजी लाने के नियमों को उदार बनाने, भूमि और श्रम बाजारों में सुधार तथा निवेश एवं ग्रोथ को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने सरकार से प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने तथा घरेलू क्षमता में सुधार लाने के लिए विवेकपूर्ण ढंग से मुक्त व्यापार समझौते में शामिल होने का आग्रह किया।
ये भी पढ़ें: वित्त मंत्री ने दिए संकेत, अगले बजट में इनकम टैक्स में मिल सकती है राहत PM के खास लोग लेते हैं फैसले रघुराम राजन यही नही रुके उन्होने PM मोदी और उनके खास मंत्रियों पर बोलते हुए कहा कि केवल फैसला ही नहीं, बल्कि विचार और योजना पर निर्णय भी प्रधानमंत्री के कुछ नजदीकी लोग और पीएमओ के लोग लेते हैं।’ राजन ने लिखा, ‘पार्टी के राजनीतिक तथा सामाजिक एजेंडे के लिए तो यह सही है, लेकिन आर्थिक सुधारों के मामलों में यह काम नहीं करता है, जहां ऐसे लोगों को यह पता नहीं कि राज्य स्तर से इतर केंद्र स्तर पर अर्थव्यवस्था कैसे काम करती है।
पिछली सरकारों की तुलना में उदारीकरण की राह पर नही है सरकार राजन ने मौजूदा सरकार की तुलना पिछली सरकारों से करते हुए कहा कि पिछली सरकारों का गठबंधन भले ही ढीला हो लेकिन उन्होनें उदारीकरण की राह नही छोड़ी। लेकिन इस सरकार में मंत्रियों के शक्तिहीन होने के साथ-साथ सरकार का बेहद अधिक केंद्रीकरण और दृष्टिकोण की कमी यह सुनिश्चित करता है कि पीएमओ के चाहने पर ही सुधार के प्रयास की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। गौरतलब है कि रघुराम राजन ने नोटबंदी समेत सरकार के फैसलों पर खुलकर अपनी राय पहले भी रखी है।