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रघुराम राजन ने दी भारत को सलाह-‘जनता को नहीं सिस्टम में पैसा डालने की जरूरत’

locationनई दिल्लीPublished: Mar 24, 2020 12:54:59 pm

Submitted by:

Pragati Bajpai

अभी तक सरकार की तरफ इकोनॉमी को बचाने के लिए किसी तरह के फाइनेशियल सपोर्ट की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत की अर्थव्यवस्था और देशवासियों को कोरोना से बचाने के लिए कुछ फाइनेंशियल टिप्स दिये हैं।

rahuram_rajan AND INDIAN ECONOMY

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नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते कहर से देश में न सिर्फ मरीजों की संख्या बढ़ रही है बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती जा रही है। मूडीज और S&P जैसे इंटरनेशनल संस्थाओं ने भारत की ग्रोथ रेट को कम कर दिया है। हर आमो-खास सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रह है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ इकोनॉमी को बचाने के लिए किसी तरह के फाइनेशियल सपोर्ट की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत की अर्थव्यवस्था और देशवासियों को कोरोना से बचाने के लिए कुछ फाइनेंशियल टिप्स दिये हैं। खैर भारत सरकार उनमें से कितने मानेंगी ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल रघुराम राजन ने क्या कहा ये हम आपको जरूर बताएंगे।

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हेल्थकेयर हो पहली प्रॉयरिटी- अपनी इकोनॉमिक एक्सपर्टीज के लिए फेमस रघुराम राजन भी मानते हैं कि फिलहाल सरकार की पहली प्रथमिकता हेल्थ केयर होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को अपने सभी संसाधनों को इस्तेमाल करना होगा। मास्क से लेकर वेंटीलेटर तक इंटरनेशनल मार्केट से जितना संभव हो उसे हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि महामारी के बढ़ने की सूरत में हमें इनकी कमी से न जूझना पड़े। वक्त से पहले करना ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि लगभग हर देश फिलहाल यही कर रहा है।

ज़रूरी इक्विपमेंट के साथ-साथ हमें लोगों के बीच जागरुकता बढ़ानी होगी ताकि वो कोरोना की गंभीरता को समझ सकें।

 

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गरीबों की हो मदद लेकिन कैसे-

राजन ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार को गरीब तबके को सुरक्षा देने की जरूरत है ताकि दिहाड़ी पर काम करने, प्रवासी मजदूर और छोटे दुकानदारों की मदद हो सके लेकिन इसके लिए अमेरिका की तर्ज पर चेक बांटने की जरूरत नहीं है । क्योंकि सरकारी कोष में भी पैसा सीमित है, और एक वक्त के बाद सरकार सा करने में सक्षम नहीं होगी। ऐसे में इन लोगों को सुरक्षा तो दें लेकिन डायरेक्ट इनके हाथ में पैसा देकर नहीं बल्कि सिस्टम में लिक्विड मनी डालने की जरूरत है।

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दरअसल राजन का कहना है कि हमारी बैंकों के पास पैसा नहीं है इसी वजह से हम उद्योगधंधों को क्रेडिट सपोर्ट देने में सक्षम नहीं हैं। लेकिन अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए हमें छोटे-उद्योगधंधों को फिर से शुरू करने में मदद देनी ही होगी।

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इसीलिए सरकार को आंशिक रूप से गारंटी देनी होगी ताकि छोटेऔर मझोले व्यवसायियों को बैंक कर्ज देती रहें । इसके लिए RBI को पूरी दुनिया के क्रेन्द्रीय बैंको से सीख लेनी चाहिए। दरअसल राजन का मानना है कि सिस्टम में तरलता ( कैश ) होने से ही उद्योग धँधों को फिर से खड़ा किया जा सकेगा। लेकिन कर्ज देते वक्त भी उद्योग धंधों को सतर्कता से चुनना होगा ताकि बैंकों का पैसा NPA में न तब्दील हो जाए।

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