आपको बता दें कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है और प्रतिदिन इससे लाखों लोग यात्रा करते हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों से ट्रेनो के हादसे में बढ़ोतरी हुई है जो कि सरकार के लिए एक चिंता के विषय है। एक रिर्पोट के मुताबिक पिछले तीन वर्षों मे हुए ट्रेन हादसोंं मे कम से कम 650 लोगों की मौत हुई हैं।
मौजूदा समय में खाली है 16 फीसदी सेफ्टी पोस्ट
भारतीय रेलवे के करीब निचले स्तर के करीब 16 फीसदी सेफ्टी पोस्ट खाली हैं और इस वजह से 64 हजार किलोमिटर के लंबे रेल नेटवर्क के मेंटेनेंस और पेट्रोलिंग में मौजूदा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। रेलवे के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि अब बहुत जल्द ही रेलवे नेटवर्क की मेंटेनेंस और पेट्रोलिंग के लिए लोगों की भर्तियां करेगा। इसके साथ ही, गैंगमैन को अंतराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से ट्रेनिंग देने की योजना भी बनाया जा रहा हैं।
अधिकारी ने आगे यह भी बताया कि अभी एक सेंसर टेक्नोलॉजी का पायलट रन भी किया जा रहा है, इससे ट्रैक पर किसी भी प्रकार का क्रैक का पता लगाकर उसे ठीक किया जा सकता हैं। भारतीय रेल ने सुरक्षा से जुड़े कामों के लिए फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के हेतू राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष भी बनाने की घोषणा की हैं। साथ ही रेलवे ने आईसीएफ कोचों के उत्पादन को रोकने का भी फैसला किया हैं क्योंकि कोचों की सुरक्षा सुविधा काफी कम मानी जाती हैं। अब ये तो वक्त ही बताएगा की रेलवे की इन कोशिशों का हादसे रोकने पर कितना असर पड़ता हैं।
आपको बता दें कि हाल ही मे आए एक रिपोर्ट में पता चला कि नवंबर 2016 और मार्च 2017 के दौरान रेलवे पटरीयों से ट्रेन के पलटने की हर घटना के पीछे रेलवे ट्रैक का अत्यधिक इस्तेमाल ही वजह बना। आपको बता दें की पिछले 15 सालों में कुल पैसेंजर ट्रेनों की दैनिक संख्या में 56 फीसदी का इजाफा हुआ है। साथ ही मालगाडिय़ों की संख्या में भी 59 फीसदी का इजाफा हुआ हैं।