क्या था आरबीआई निदेशकों का कहना
नोटबंदी को लेकर सरकार ने कहा था कि इससे कालेधन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे नकली करंसी को भी पकडऩे में आसानी होगी और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। लेकिन, नोटबंदी के ऐलान से ठीक तीन घंटे पहले यानी 5:30 बजे हुई आरबीआई बोर्ड की बैठक में अधिकतर सदस्य इस बात से असहमत रहे कि नोटबंदी से कालेधन पर अंकुश लग सकेगा। अधिकतर निदेशकों का मानना था कि कालेधन का एक बड़ा हिस्सा नकदी के रूप में नहीं बल्कि रियल एस्टेट प्रॉपर्टी व सोने के रूप में है। ऐसे में नोटबंदी जैसे कदम से इसपर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा।
सरकार के इन बातों से सहमत था आरबीआई बोर्ड
आरबीआई के कुछ निदेशकों ने सरकार के उस बात से भी असहमति जताई थी जिसमें कहा जा रहा है कि बड़े मदों वाले नोटों का ग्रोथ आर्थिक तेजी की तुलना में अधिक है। वहीं, नकली नोटों काे लेकर कोई भी मामला चिंताजनक है। हालांकि, आरबीआई निदेशकों ने सरकार की उस बात से सहमति जताई की इससे कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। आरबीआई निदेशकों ने कहा कि इससे वित्तीय इनक्लुजन में मदद मिलेगी और डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।