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कच्चे तेल के प्रभाव से उबरने के लिए RBI जारी कर सकता है एनआरआर्इ बाॅन्ड

locationनई दिल्लीPublished: May 11, 2018 02:27:06 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

बैंक आॅफ अमेरीका मेरिल लिंच की रिपोर्ट ने अुनमान लगाया है कि ब्रेंट क्रुड आॅयल का दाम 71.8 डाॅलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।

RBI

नर्इ दिल्ली। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ने वाले असर को संभालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक 30 से 35 अरब डाॅलर के एनआरआर्इ बाॅन्ड जारी कर सकता है। इससे आयात कवर को संतोषजनक रखने में मदद मिल सकती है। बैंक आॅफ अमेरीका मेरिल लिंच की रिपोर्ट ने अुनमान लगाया है कि ब्रेंट क्रुड आॅयल का दाम 71.8 डाॅलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। इसके पहले मौजूद वित्त वर्ष में उसने अपने रिपोर्ट में 62.5 डाॅलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है केन्द्रीय बैंक को 30 से 35 अरब डाॅलर का एनआरआर्इ बाॅन्ड जारी करने चाहिए। इससे तेल की बढ़ती कीमतों क वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में आयात कवर घटकर 9.6 महीने हो जाएगा।


रुपए के प्रभाव को कम करन में मिलेगी मदद

यदि प्रस्तावित एनआरआर्इ बाॅन्ड जारी कर दिया जाता है तो ये इसकी चौथी किस्त् होगी। इससे एक तरफ विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा तो वहीं तेल की उंची कीमतों से रुपए पर होने वाले प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा। पिछने महीने रुपए में कमजोरी से इसपर दबाव बढ़ा है। इसके साथ ही पिछले कुछ समय में विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजार में रूचि भी कम हुआ है। 02 फरवरी 2017 के बाद डाॅलर के मुकाबले रुपए अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि रुपए में कमजोरी से निर्योतको को फायदा हो रहा है।


कच्चे तेल के दाम से पड़ रहा अर्थव्यवस्था पर असर

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। कच्चे तेल के ताजा दाम की बात करें तो आज WTI क्रुड आॅयल का दाम 71.17 डाॅलर प्रति बैरल के स्तर पर है। एेसे में कच्चे तेल के दाम में लगातार बढ़ोतरी से भारतीय बाजार में भी पेट्रोल- डीजल के दाम में भी बढ़ोतरी होने की आशंका हैं। हालांकि बीते 24 अप्रैल से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कोर्इ बदलाव नहीं हुआ। मीडिया में चल रही खबरों की बात करें तो कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सरकार ने तेल कंपनियों को तेल के दाम में बढ़ोतरी के निर्देश दिया है। पिछले दिन (गुरूवार) अार्इआेसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने इस बता का खंडन करते हुए कहा कि, घरेलू बाजार में लगातार बढ़ते तेल की कीमतों के वजह से तेल कंपनियों ने इसे स्थिर करके सामान्य स्तर पर लाने के लिए इसमें कोर्इ बदलाव नहीं किया है। ये महज एक संयोग है कि इस दौरान कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव चल रहे हैं।

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