दुनिया में छाएगी मंदी और भारत की जीडीपी पर मौन आरबीआई
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण आर्थिक सुधार को लेकर भारत के दृष्टिकोण में काफी बदलाव देखने को मिल है। आरबीआई द्वारा गुरुवार को जारी आउटलुक में दुनिया में इस साल बड़ी मंदी छाने की संभावना जताई गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया के विकास के इंजन का इस महामारी ने प्रभावित किया है।इससे पहले वर्ष 2019 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था छह साल से अधिक समय में अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ी और यह 5 फीसद ही रह सकती है, जो एक दशक में सबसे कम होने की संभावना जताई गई थी। वहीं दूसरी ओर आउटलुक में आरबीआई ने 2020-21 के जीडीपी रेट के बारे में कुछ नहीं कहा। आरबीआई ने इस मामले में सिर्फ इतना कहा कि इस समय जीडीपी वृद्धि के बारे में अनुमान जताना काफी मुश्किल है।
डॉलर के मुकाबले रुपए में रहेगा दबाव
रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान सांकेतिक विनिमय दरों के दोहरे रुख की वजह से केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि भारतीय रुपए का मूल्य 75 रुपए प्रति डॉलर के आसपास रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सांकेतिक विनिमय दर के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान काफी दोहरा रुख देखने को मिला है। वहीं 15 जनवरी के बाद से रुपए में काफ गिरावट देखने को मिली है। मौजूदा समय में रुपया 76 रुपए के नीचे की ओर कारोबार कर रहा है।
वैश्विक उत्पादन में होगी गिरावट
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस और उसके बाद लॉकडाउन से 2020 में ग्लोबल प्रोडक्शन में गिरावट देखने को मिल सकती है। महामारी की वजह से इसमें काफी प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा हैै। आने वाली परिस्थितियों में होना बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी से कितनी तेजी के साथ काबू पाया जाता है? कितनी जल्दी आर्थिक गतिविधियां सामान्य होती हैं। वहीं आरबीआई ने महंगाई दर के बारे में भी कोई अनुमान नहीं दिया है।