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RBI Outlook Report: मौद्रिक नीति के बाद जीडीपी ग्रोथ पर गवर्नर की फिर से चुप्पी

Published: Apr 10, 2020 08:59:33 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

आरबीआई ने कहा कि 2020 में पूरी दुनिया में मंदी छाने की आशंका
महामारी की वजह से दक्षिण एशिया के विकास का इंजन होगा प्रभावित
मौद्रिक नीति की मीटिंग के बाद आरबीआई ने 75 आधार अंकों की कटौती

Shaktikant das

RBI Outlook Report: Governor’s silent on GDP growth rate after mpc

नई दिल्ली। कुछ हफ्तों पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक बैठक के बाद नीतिगत दरों में 75 आधार अंकों की कटौती की थी। तब हर बार की तरह आरबीआई गवर्नर ने इस बार की बैठक के मीडिया को संबोधित करते हुए देश के जीडीपी अनुमान को बताने से मना कर दिया था। आज यानी गुरुवार को आरबीआई गवर्नर ने आरबीआई आउटलुक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भी आरबीआई गवर्नर ने देश की जीडीपी ग्रोथ रेट पर चुप्पी साध ली है। ताज्जुब की बात तो ये है कि दुनियाभर की आर्थिक एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2020-21 की भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान 2 फीसदी और उससे नीचे तक कर दी है। बड़ा सवाल यह है कि आरबीआई ने इस मामले में क्यों चुप्पी साधी हुई है? आपको बता दें कि 2019-20 का डीपीपी अनुमान 5 फीसदी लगाया था, जोकि 10 सालों का न्यूनतम स्तर है।

दुनिया में छाएगी मंदी और भारत की जीडीपी पर मौन आरबीआई
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण आर्थिक सुधार को लेकर भारत के दृष्टिकोण में काफी बदलाव देखने को मिल है। आरबीआई द्वारा गुरुवार को जारी आउटलुक में दुनिया में इस साल बड़ी मंदी छाने की संभावना जताई गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया के विकास के इंजन का इस महामारी ने प्रभावित किया है।इससे पहले वर्ष 2019 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था छह साल से अधिक समय में अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ी और यह 5 फीसद ही रह सकती है, जो एक दशक में सबसे कम होने की संभावना जताई गई थी। वहीं दूसरी ओर आउटलुक में आरबीआई ने 2020-21 के जीडीपी रेट के बारे में कुछ नहीं कहा। आरबीआई ने इस मामले में सिर्फ इतना कहा कि इस समय जीडीपी वृद्धि के बारे में अनुमान जताना काफी मुश्किल है।

डॉलर के मुकाबले रुपए में रहेगा दबाव
रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान सांकेतिक विनिमय दरों के दोहरे रुख की वजह से केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि भारतीय रुपए का मूल्य 75 रुपए प्रति डॉलर के आसपास रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सांकेतिक विनिमय दर के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान काफी दोहरा रुख देखने को मिला है। वहीं 15 जनवरी के बाद से रुपए में काफ गिरावट देखने को मिली है। मौजूदा समय में रुपया 76 रुपए के नीचे की ओर कारोबार कर रहा है।

वैश्विक उत्पादन में होगी गिरावट
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस और उसके बाद लॉकडाउन से 2020 में ग्लोबल प्रोडक्शन में गिरावट देखने को मिल सकती है। महामारी की वजह से इसमें काफी प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा हैै। आने वाली परिस्थितियों में होना बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी से कितनी तेजी के साथ काबू पाया जाता है? कितनी जल्दी आर्थिक गतिविधियां सामान्य होती हैं। वहीं आरबीआई ने महंगाई दर के बारे में भी कोई अनुमान नहीं दिया है।

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