मालूम हो, पत्रिका ने 23 जून के ही अंक में खुलासा कर दिया था कि 13 जनवरी तक रिजर्व बैंक के पास कुल विमुद्रित नोटों का 98.8 फीसदी हिस्सा लौट आया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि विमुद्रीकरण से पहले एक हजार के कुल 632.6 करोड़ नोट प्रचलन में थे। इसमें से 8.9 करोड़ ही रिजर्व बैंक के पास वापस नहीं लौटे हैं। वहीं, 500 नोटों के मामले में नए और पुराने दोनों तरह के नोट होने के चलते इसके आंकड़े स्पष्ट नहीं हो सके हैं।
पहले से कम नोट चलन में
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी के बाद जारी नोटों का मूल्य नोटबंदी के समय के नोटों के मूल्य से काफी कम है। नोटबंदी के समय जहां 16.42 लाख करोड़ मूल्य के नोट प्रचलन में थे, वहीं 31 मार्च 2017 तक यह घटकर 13.10 लाख करोड़ रुपए के रह गए। इन 13.10 लाख करोड़ में लगभग आधी संख्या दो हजार के नोटों की है। एनडीए सरकार के गठन के समय कुल 12.83 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट ही देश में प्रचलन में थे।
100 और 50 के नोट में भारी इजाफा
रिजर्व बैंक ने पिछले साल के मुकाबले इस साल 100 और 50 के नोटों की संख्या में भारी इजाफा किया है। मार्च 2016 को जहां 19400 करोड़ मूल्य के 50 के नोट प्रचलन में थे, वहीं मार्च 2017 में आकड़ा बढक़र 35600 करोड़ रुपए हो गया। इसी तरह, मार्च 2016 में 1,57,800 करोड़ मूल्य थे।