नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की आज के्रडिट पॉलिसी समीक्षा आज हैं। यह समीक्ष आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल के अगुवाई मे होगा। मौजूदा समय में महंगाई दर न्यूनतम स्तर पर हैं। इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी तक घटाने पर विचार किया जा सकता हैं। अगर ऐस होता है तो कंपनियों से लेकर आम आदमी तक पर कर्ज का बोझ कम हो जाएगा। यह भी पढ़ें : जीएसटी के एक महीने बाद रोजमर्रा की चीजें महंगी, छोटे कारोबारियों की बढ़ी मुश्किलें केन्द्र और राज्य सरकार को होगा सबसे अधिक फायदा अगर ब्याज दरों मे कटौती होता हैं तो 20 साल के लिए 30 लाख रूपए के होम लोन पर 2.28 लाख रूपए की कमी आ सकती हैं। ब्याज दर मे कटौती से केन्द्र और राज्य सरकारो को सबसे अधिक लाभा होगा। क्योंकि केन्द्र और राज्य सरकारें ही सबसे अधिक कर्ज लेती हैं। वैसे कई छोटी बड़ी कंपनियों को भी इससे लाभ मिलेगा। महंगाई दर अपने न्यूनतम स्तर पर है और इसमें लगातार कमी आ रहीं है। ऐसे में रिजर्व बैंक से ब्याज दरों मे कमी की उम्मीद लगाई जा सकती हैं। कुछ आर्थिक जानकारों का मानना हैं कि यदि रेट कट होता है तो ये खुशी की बात होगी, इससे सेंटिमेंट अच्छे होंगे। पिछले बैठक में महंगाई दर के बढऩे के आसार को देखने हुए ब्याज दरो में कोई कटौती नहीं हुआ था। जून में हुए एमपीसी की बैठक में रेपो रेट 6.25 फीसदी पर पूर्ववत रखने का फैसला रखा लिया गया था।