एक लाख करोड़ के पार जा सकती है टैक्स से कुल रकम
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जानकारी दी है कि केंद्र और राज्यों को टैक्स से होने वाली कुल कमाई को अगर मिला दें तो पुराने टैक्स सिस्टम के तहत करीब 91,000 करोड़ रुपए की कमाई होती जबकि जीएसटी लागू होने के बाद ये कमाई 92,000 करोड़ रुपए के को भी पार कर गई है। और वो भी तब, जब अभी 60 फीसदी टैक्सपेयर्स ही टैक्स का भुगतान किए है। जेटली का अनुमान है कि यदि सभी रजिस्टर्ड टैक्स देने वाले अगर टैक्स पूरी तरह चुका देंगे तो जीएसटी की कुल रकम जुलाई के लिए एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगी।
कंपसेशन सेस से मिले 7198 करोड़ रुपए
वित्त मंत्रालय ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक जुलाई के महीने में केन्द्र सरकार को मिलने वाले सीजीएसटी से 14 लाख 894 करोड़ रुपए मिले है। वही राज्यों के मिलने वाले एसजीएसटी से 22 हजार 722 करोड़ रुपए मिले हैै। दो राज्यों के व्यापार की सूरत में लगले वाले इंटीग्रेटेड जीएसटी से 47 हजार 469 करोड़ रुपए मिले है। वहीं अरूण जेटली ने कहा है कि कंपेसेशन सेस से करीब 7198 करोड़ रुपए मिले है। अब यदि कंपसेशन सेस को इस जीएसटी से हुई कमाई से हटा दें तो वास्तव मे रकम करीब 85000 करोड़ रुपए बनती हैं।
रिटर्न में देरी करने वालो को देना होगा जुर्माना
आपको बता दें कि जुलाई में ही रजिस्ट्रेशन करने वालों की संख्या 69.57 लाख रही है। इसमें से 38 लाख से भी ज्यादा लोगों ने रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 28 अगस्त तक रिटर्न दाखिल कर दिया। अब जिन लोगों ने रिटर्न ने भरा है उन्हे 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाबा से जुर्माना देना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने ये भी जानकारी दी है कि हरियाणा और पंजाब में व्यापारियों को किसी तरीके से जुर्माने से राहत नहीं मिलेगी। आपको बता दें की पिछले दिनों राम रहीम विवाद के चलते कई दिनों तक कामकाज ठप रहा था। रजिस्ट्रेशन करने वालों की बात करें तो 29 अगस्त तक 72 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया हैं। इस बार रजिस्ट्रेशन कराने वालों में से 18.83 लाख ऐसे व्यापारी है जो पहला बार टैक्स के दायरे में आए हैं।