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क्रूड आॅयल आैर ट्रेड वाॅर की वजह से रुपए पूरे साल गिरती रही साख, कुछ एेसा रहा प्रदर्शन

Published: Dec 26, 2018 12:32:14 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

भारत के रुपए का प्रदर्शन 2018 में बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा। जिसके पीछे घरेलू कारणों से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय कारण ज्यादा रहे।

Dollar vs rupess

क्रूड आॅयल आैर ट्रेड वाॅर की वजह से रुपए पूरे साल गिरती रही साख, कुछ एेसा रहा प्रदर्शन

नर्इ दिल्ली। वर्ष 2018 देश की इकोनाॅमी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाएगा। क्योंकि इसका महत्वपूर्ण कारण है कि इसी साल भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकोनाॅमी बनकर उभरा। लेकिन भारत के रुपए का प्रदर्शन 2018 में बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा। जिसके पीछे घरेलू कारणों से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय कारण ज्यादा रहे। सबसे बड़ा कारण क्रूड आॅयल की कीमतों का बढ़ना। जिसकी वजह से देश के रुपए को काफी नुकसान उठाना पड़ा। दूसरा सबसे बड़ा कारण अमरीका आैर चीन के बीच ट्रेड वाॅर। जिसकी वजह से एशिया की तमाम करेंसी को नुकसान पहुंचा आैर जिसमें रुपए सबसे आगे की पंक्ति में था। आइए आपको भी बताते हैं कि इस पूरे साल रुपए का प्रदर्शन किस तरह का देखने को मिला।

जनवरी से जुलार्इ तक एेसे गिरा रुपया
www.poundsterlinglive.com की वेबसाइट के अनुसार डाॅलर के मुकाबले रुपए का प्रदर्शन कुछ खास देखने को नहीं मिला। जहां जनवरी के महीने में डाॅलर के मुकाबले रुपया 63 आैर उसके आसपास ही रहा। फरवरी महीने में रुपया 64 रुपए पर आ गया। इसी तरह से जुलार्इ महीने तक रुपए डाॅलर के मुकाबले एक रुपया गिरता रहा आैर 31 जुलार्इ में रुपया 68.535 पर आकर बंद हुआ। जानकारों की मानें तो उस दौरान सिर्फ क्रूड आॅयल का ही असर देखने को मिल रहा था। जिसकी वजह से जनवरी से जुलार्इ तक रुपया एक या उससे कम की गिरावट पर चलता।

अगस्त से अक्टूबर में देखने को मिली बड़ी गिरावट
अगस्त से लेकर अक्टूबर के बीच में चीन आैर अमरीका के बीच ट्रेड वाॅर तेज होने के कारण रुपए में गिरावट आैर तेजी से देखने को मिली। क्रूड आॅयल में बढ़ती तेजी आैर ट्रेड वाॅर के कारण एक अगस्त से 31 अक्टूबर के बीच रुपए में 5.58 रुपए यानी हर महीने दो रुपए की गिरावट देखने को मिली। एंजेल ब्रोकिंग के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता की मानें तो इस दौरान चीन आैर अमरीका के बीच ट्रेड वाॅर तेज होने के कारण भारत समेत एशिया की तमाम करेंसी में गिरावट देखने को मिली थी। वहीं क्रूड भी रुपए को झटका देने में जुटा हुआ था। जिसकी वजह से रुपए में गिरावट में तेजी देखने को मिली। आपको बता दें कि इस साल 31 अक्टूबर को रुपया डाॅलर के मुकाबले अपने सबसे बड़े गिरावट 73.96 रुपए के स्तर पर था।

दो महीने में तीन रुपए मजबूत हुआ रुपया
नवंबर से अब तक रुपए में डाॅलर के मुकाबले में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। आंकड़ों के अनुसार करीब दो महीने में रुपए में करीब रुपए तक का सुधार देखने को मिल चुका है। एक नवंबर को डाॅलर के मुकाबले में रुपया 73.455 रुपए था। जो 21 दिसंबर को 70.14 रुपए पर आ चुका है। पिछले दो महीने में क्रूड आॅयल की कीमतों में लगातार कटौती देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से रुपए की आैकात में इजाफा हुआ है। जानकारों की मानें आने वाले दिनों में रुपए में आैर भी मजबूती देखने को मिल सकती है।

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