scriptनहीं होगा नेशनल स्पॉट एक्सचेंज का विलय, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर | SC rules against 63 Moons-NSEL merger | Patrika News

नहीं होगा नेशनल स्पॉट एक्सचेंज का विलय, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

locationनई दिल्लीPublished: Apr 30, 2019 07:09:22 pm

Submitted by:

manish ranjan

सुप्रीम कोर्ट का NSEL मामले पर आदेश
नहीं होगा कंपनी का विलय
संकट के दौर से गुजर रही NSEL

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नहीं होगा नेशनल स्पॉट एक्सचेंज का विलय, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को 63 मून्स और संकटग्रस्त घाटे में चल रही नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड के विलय के सरकार के निर्णय के खिलाफ फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ अपील स्वीकार कर ली, जिसमें उसने विलय के निर्णय को कायम रखा था। उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने आदेश सुनाया, “हमने अपील स्वीकार कर ली है।” न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा कि पीठ ने एक निश्चित मापदंड निर्धारित किए हैं, जिनमें ऐसे विलय के लिए उद्देश्यपरक मानक और जनहित शामिल हैं। कंपनी 63 मून्स ने नुकसान में जा रही अपनी सहयोगी कंपनी एनएसईएल में अपने विलय के सरकार के निर्णय पर उच्च न्यायालय के मुहर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
क्या करता है नेशनल स्पॉट एक्सचेंज

नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) भारत का राष्ट्रीय स्तर का संस्थागत इलेक्ट्रॉनिक तथा पारदर्शी हाजिर व्यापार मंच है। जो कृषि उपज के लिए मार्केटिंग क्षमता में सुधार के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए प्रयासरत है। यह कृषि उत्पादों के लिए जोखिम मुक्त एवं परेशानी मुक्त खरीद और बिक्री की सुविधाएं प्रदान करने वाला एक अत्याधुनिक संगठित और संरचित बाजार है। एनएसईएल किसानों, ट्रेडरों, प्रोसेसरों, निर्यातकों, आयातकों, आर्बीट्रेजरों, निवेशकों तथा सामान्य जनता की कृषि विपणन, भंडारण, गोदाम रसीद वित्तपोषण आदि से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए अनुकूलित समाधान प्रदान करता है। नेशनल स्पॉट एक्सचेंज ने अपने लाईव ऑपरेशंस की शुरुआत 15 अक्टूबर 2008 को की थी। वर्तमान में एनएसईएल 24 कमोडिटीज के लिए डिलीवरी आधारित हाजिर व्यापार की सुविधा प्रदान करता हुआ 11 राज्यों में संचालित है।

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