scriptमोदी सरकार को बड़ा झटका, लक्ष्य का 104 फीसदी रहा वित्तीय घाटा | shock to Modi government, fiscal deficit 104 percent of target | Patrika News

मोदी सरकार को बड़ा झटका, लक्ष्य का 104 फीसदी रहा वित्तीय घाटा

locationनई दिल्लीPublished: Dec 01, 2018 01:10:48 pm

Submitted by:

manish ranjan

चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में केंद्र का राजकोषीय घाटा 6.5 लाख करोड़ रुपए यानी लक्ष्य का 103.9 फीसदी रहा। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार ऐसा विनिवेश रसीद और अप्रत्यक्ष टैक्स की वजह से हुआ है।

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में केंद्र का राजकोषीय घाटा 6.5 लाख करोड़ रुपए यानी लक्षय का 103.9 फीसदी रहा। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार ऐसा विनिवेश रसीद और अप्रत्यक्ष टैक्स की वजह से हुआ है। पिछले वर्ष इस अवधि में घाटा वार्षिक लक्ष्य का 96.1 फीसदी था जिसके कारण सरकार को वित्त वर्ष 18 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 फीसदी के लक्षित घाटे से 33 आधार अंकों की कमी को अनुमति देनी पड़ी थी।

और कम हो सकता था कैपिटल खर्च

वित्त वर्ष 19 में अप्रैल-अक्टूबर में राज्यों के लिए पोस्ट रिफंड वाली रसीदें 4.4 फीसदी से बढ़ीं। पूर्ण वर्ष में करों से 14.8 लाख करोड़ रुपए की बजट राशि बढ़ाने के लिए 19 फीसदी की वृद्धि की आवश्यकता है। हालांकि इस साल अप्रैल-अक्टूबर में कैपिटल खर्च 1.63 लाख करोड़ रुपए रहा, लेकिन ये वास्तव में और कम हो सकता था। वित्त वर्ष 19 के पहले सात महीनों में प्रमुख सब्सिडी पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक थी। अक्टूबर तक वित्त वर्ष 2019 की ईंधन सब्सिडी 93 फीसदी तक जारी की गई है। इस साल अप्रैल-अक्टूबर में राजस्व घाटा वार्षिक लक्ष्य का 117.8 फीसदी यानी 4.9 लाख करोड़ रुपए था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में राजस्व घाटा इसी लक्ष्य का 124.7 फीसदी था। कर राजस्व में कमी का कारण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) हो सकता है।

साल के अंत में बढ़ी राजस्व रसीदें

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि, ‘ये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्रभावित करने के लिए जरूरी नहीं हैं। साल के अंत में राजस्व रसीदें बढ़ी हैं।’ हालांकि कुछ विश्लेषकों को डर है कि वित्त वर्ष 19 में भी राजकोषीय में गिरावट आएगी। आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि, ‘वित्त वर्ष 2019 की वित्तीय स्लिपेज की सीमा जीएसटी, उत्पाद शुल्क, मुनाफे, विनिवेश, और एमएसपी, एनएचपीएस, ईंधन और अन्य सब्सिडी से प्रेरित होगी।

केवल 10,101 करोड़ रुपए रही विनिवेश रसीद

हालांकि, गैर कर रसीद अप्रैल-अक्टूबर 2018 में 34 फीसदी बढ़ी और 52.1 फीसदी रही। सालाना लक्ष्य 33 फीसदी का था। इस साल अप्रैल-अक्टूबर में विनिवेश रसीद केवल 10,101 करोड़ रुपए यानी वित्त वर्ष 2019 के 80,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य के केवल 13 फीसदी थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो