कोर्ट ने रद्द की अधिसूचना इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र की सीमा बढ़ाने वाली अधिसूचना रद्द की जाती है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में संविधान के अनुच्छेद 309 का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल अधिसूचना जारी कर किसी नियम में बदलाव नहीं कर सकते हैं। इसे केवल विधायक द्वारा ही बदला जा सकता है। बता दें कि 28 नवंबर 2001 को राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर राज्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ा दी थी।
विधानसभा में प्रस्ताव लाकर किया जा सकता है बदलाव इस संदर्भ में कोर्ट का कहना है कि राज्यपाल की अधिसूचना के तहत सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई नहीं जा सकती। यह साफ है कि मौलिक नियम 56 में कोई बदलाव नहीं हुआ है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में ज्यादातर कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतनमान पा रहे हैं। बता दें कि मौलिक नियम 56 के तहत प्रत्येक सरकारी सेवक को सेवानिवृत्तिक पेंशन एवं अन्य लाभ देय होंगे। मौलिक नियम 56 विधायिका का नियम है, इसमें बदलाव विधानसभा में प्रस्ताव लाकर ही किया जा सकता है।