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स्वदेशी जागरण मंच एफडीआई मुद्दे पर केंद्र सरकार से सहमत नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Jan 12, 2018 04:49:38 pm

Submitted by:

Mazkoor

मंच ने कहा कि सरकार का यह फैसला सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ की नीति के खिलाफ है।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा आर्थिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में 49 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई निवेश का यह कह कर विरोध किया कि यह फैसला देशहित में नहीं है।
बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सिंगल ब्रांड रिटेल और कंस्ट्रक्शन में ऑटोमेटेड रूट के जरिए 100 फीसदी एफडीआई निवेश की मंजूरी दी जा चुकी है। इसके साथ ही कर्ज के बोझ से लदी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में सरकार ने 49 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति दी है।
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि वह सरकार के इस फैसले का सख्ती से विरोध करते हैं। संगठन इस बात में यकीन करता है कि सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआई को आसान बनाए जाने का फैसला देश के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक चिंता इसमें 30 फीसदी की अनिवार्य स्थानीय खरीद के प्रावधान को खत्म किया जाना है। इस फैसले से देश में काम करने वाली विदेशी कंपनियों को दुनिया में कहीं से भी खरीदारी की छूट मिलेगी। यह घरेलू विनिर्माणकर्ता के के हितों के खिलाफ होगा। इस फैसले से भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में होने वाले निवेश हतोत्साहित होगा। मंच ने कहा कि सरकार का यह फैसला सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ की नीति के खिलाफ है। संगठन ने सरकार ने इस फैसले की समीक्षा किए जाने की मांग की है।
वहीं एयर इंडिया के विनिवेश का विरोध करते हुए महाजन ने कहा कि यह सही है कि सरकारी विमानन कंपनी संकट में है और लेकिन इसमें विदेशी निवेश को मंजूरी देना इस समस्या का बेहतरीन समाधान नहीं है।
पार्टी में भी उठे विरोध के सुर
एफडीआई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को विपक्षी दल तो घेर ही रही हैं, साथ में पार्टी के भीतर से भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं और उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे पर विरोधी तेवर अपनाते हुए कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है। इससे देश के छोटे-मोटे कारोबारियों को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहने पर भारतीय जनता पार्टी ने रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई का विरोध किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इसे लागू कर दिया। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई लागू करने के फैसले से निश्चित रूप से छोटे कारोबारियों को परेशानियां आएंगी। सिन्हा ने कहा कि आने वाला बजट बीजेपी सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम बजट होगा, लेकिन चार बजट बीत जाने के बाद भी देश का भविष्य कोई भी निर्धारित नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था एक बड़ी चिंता का विषय है।
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