अर्थव्‍यवस्‍था

भारी पड़ा मोदी का ‘पकौड़ा’ Idea, एक दिन में लगी 60,000 की चपत

भारत में बढ़ती बेरोजगारी और पीएम मोदी के हर साल दो करोड़ लोगो को रोजगार देने के वादे को लेकर जब पीएम मोदी से सवाल किए गए थे। तो उस वक्त मोदी जी ने जो जवाब दिया था उसे सुन कर तो मानों सब चौक ही गए थे। दरअसल पीएम मोदी का कहना था की पकौड़ा बेचना भी एक रोज़गार है।

Jul 18, 2018 / 03:41 pm

manish ranjan

भारी पड़ा मोदी का ‘पकौड़ा’ Idea, एक दिन में लगी 60,000 की चपत

नई दिल्ली। भारत में बढ़ती बेरोजगारी और पीएम मोदी के हर साल दो करोड़ लोगो को रोजगार देने के वादे को लेकर जब पीएम मोदी से सवाल किए गए थे। तो उस वक्त मोदी जी ने जो जवाब दिया था उसे सुन कर तो मानों सब चौक ही गए थे। दरअसल पीएम मोदी का कहना था की पकौड़ा बेचना भी एक रोज़गार है। जो व्यक्ति पकौड़े बेचता है उसे बेरोजगार नहीं कहा जा सकता। प्रधानमंत्री के इस बयान का पूरे देश में जमकर विरोध हुआ था। खसकर युवाओं ने इसका जमकर विरोध किया था। लेकिन कुछ युवाओं ने प्रधानमंत्री के इस बयान को सुनकर पकौड़े बेचने का करोबार चालू कर दिया। मगर इन युवाओं को ऐसा करना पड़ा भरी और एक दिन में लग गई 60,000 की चपत।

चालू किया पकौड़े बेचना का कारोबार

दरअसल प्रधानमंत्री के इस बयान को सुनकर सभी युवाओं की तरह मनीष कुमार मीना भी गुस्से में आ गए और पकौड़े बेचना चालू कर दिया। मनीष कुमार मीना जेएनयू के छात्र है। मनीष कुमार मीना और अपने चार अन्य दोस्तो के साथ मिलकर विश्वविद्यालय के अंदर पकौड़े बनाने लगे।
जेएनयू ने कि कारवाई
इस बात का पता जब जेएनयू के मैनेजमेंट को हुआ तो मनीष और उनके चार साथियों के खिलाफ़ जांच शुरू की गई। इसी जांच के आधार पर अब मनीष और उसके दोस्तों को एक नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में मनीष और उसके दोस्तों को 13 जुलाई, 2018 से पहले होस्टल बदलने को कहा गया हैं। इतना ही नहीं उन्हें जुर्माने के रूप में 20,000 रुपए भी भरने को कहा गया है।
छात्रों के सवाल

तो वहीं इस विरोध को लेकर छात्रों का कहना है की हमारे पास विरोध करने का हर अधिकार है। हमने किसी भी संपत्ति को क्षतिग्रस्त नहीं किया जिससे कि हमपर ज़ुर्माना लगाया जाए। इस तरह हम पर जुर्माना लगाना बिल्कुल ही गलत हैं।

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