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संदेसरा के बैंक फ्राॅड मामले में अब जांच के दायरे में आएंगे यूपीए सरकार के अधिकारी

Published: Oct 13, 2018 12:45:37 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

रीब छह साल पहले संदेसरा ग्रुप द्वारा किए गए बैंकिंग फ्राॅड के मामले में यूपीए सरकार के अधिकारी आैर बैंकर्स जांच के दायरे में आ सकते हैं।

Bank Fraud

संदेसरा के बैंक फ्राॅड मामले में अब जांच के दायरे में आएंगे यूपीए सरकार के अधिकारी

नर्इ दिल्ली। करीब छह साल पहले संदेसरा ग्रुप द्वारा किए गए बैंकिंग फ्राॅड के मामले में यूपीए सरकार के अधिकारी आैर बैंकर्स जांच के दायरे में आ सकते हैं। जांच एजेंसियां इस बात का पता करने में जुटी हुर्इ है कि कहीं इस फ्राॅड को अंजाम देने में अधिकारियों आैर बैंकों कितना हाथ है? आपको बता दें कि 2012 में संदेसरा ग्रुप की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक करीब 5000 करोड़ रुपए का बैंक फ्राॅड किया था।

किया जा चुका है विलफुल डिफॉल्टर घोषित
जानकारी के अनुसार 2012 में यह कंपनी आरबीआर्इ द्वारा विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका है। उसके बाद उसने विदेशों से करीब 589 करोड़ रुपए जुटाए। सूत्रों के अनुसार इतनी बड़ी जुटा पाना बिना सरकारी अधिकारियों के मिलीभगत के जुटा पाना मुमकिन नहीं है। कंपनी के एमडी नितिन संदेसरा 5000 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस में सीबीआर्इ आैर र्इडी के वांटेड हैं। माना जा रहा है कि पूरा परिवार नाइजीरिया भाग चुका है। जहां क्रूड आॅयल प्रोडक्शन में इनवेस्ट कर रहा है।

र्इडी ने तैयार की संदेसरा परिवार के खिलाफ चार्जशीट
जानकारी के अनुसार र्इडी ने संदेसरा परिवार के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत चार्जशीट तैयार कर ली है आैर कभी वो कोर्ट में दायर कर सकता है। र्इडी के पास इस बात के सुबूत हैं कि ग्रुप ने किस तरह से अपनी फर्जी कंपनियों के जरिए रुपयों को इधर से उधर किया। आशंका इस बात की भी जतार्इ जा रही है कि परिवार लोक निपटारे के लिए बैंकों के साथ संपर्क कर सकता है। र्इडी के लिए बड़ी मुश्किल ये है कि परिवार नाइजीरिया में हैं आैर भारत के साथ नाइजीरिया की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।

संदेसरा परिवार के सरकार से अच्छे संबंध
संदेसरा परिवार ने थोड़े ही दिनों में स्थानीय सरकार में अच्छी पैठ बन चुकी है। जिस वजह से र्इडी के लिए परिवार को भारत में वापस लाना आैर भी मुश्किल हो गया है। आपको बता दें कि र्इडी ने नितिन, चेतन संदेसरा और अन्य के खिलाफ पिछले साल 27 अक्टूबर को केस दर्ज किया था। इससे ठीक पहले सीबीआर्इ ने भी 5000 करोड़ रुपए के कथित बैंक घोटाले में केस दर्ज किया था।

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