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बैंकों-डाकघरों में होता रहेगा आधार कार्ड का अपडेशन, सुप्रीम कोर्ट के फैसला का नहीं पड़ेगा असर

locationनई दिल्लीPublished: Oct 08, 2018 01:11:15 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

यूआईडीआई के अनुसार, सेवा प्रदाता कंपनियां ऑफलाइन तरीके से किसी भी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि कर सकती हैं।

Aadhar Card

बैंकों-डाकघरों में होता रहेगा आधार कार्ड का अपडेशन, सुप्रीम कोर्ट के फैसला का नहीं पड़ेगा असर

नई दिल्ली। बैंकों और डाकघरों में चल रहा आधार कार्ड अपडेशन का कार्य एेसे ही चलता रहेगा। इस काम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। यह बात भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कही है। यूआईडीएआई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आधार कार्ड को इस्तेमाल करने को लेकर दिए गए आदेश के बाद भी बैंकों, डाकघरों और सरकारी प्रतिष्ठानों में चल रही आधार नामांकन और अपडेशन की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आएगी। यूआईडीएआई का कहना है कि इस प्रक्रिया का बैंक खातों से कोई लेना-देना नहीं है। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बैंक खातों को आधार से लिंक करने पर रोक लगाई है। लेकिन अपडेशन का कार्य बैंक खातों से लिंक करने से अलग हैं, एेसे में यह कार्य चलता रहेगा।
जारी रहेगा आधार का स्वैच्छिक ऑफलाइन उपयोग

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पैन-आईटीआर में आधार के इस्तेमाल की अनुमति दी है। इसको देखते हुए बैंक खाते खोलने और अन्य बैंकिंग सेवाओं के लिए आधार का ऑफलाइन इस्तेमाल किया जा रहा है। अजय भूषण का कहना है कि आधार सेवा को सफल बनाने में बैंकों की विशेष भूमिका है। इसीलिए बैंकों में आधार नामांकन और अपडेशन का कार्य पहले की तरह ही जारी रहेगा। पांडे का कहना है कि देश में करीब 60 से 70 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड ही एकमात्र पहचान पत्र है। एेसे में इसका स्वैच्छिक रूप से ऑफलाइन मोड में प्रयोग जारी रहेगा। पांडे का कहना है कि अभी पूरे देश में बैंकों और डाकघरों में करीब 13 हजार आधार नामांकन केंद्र चल रहे हैं। उनका कहना है कि जरूरत पड़ने पर और केंद्र भी खोले जाएंगे।
इन तकनीकों से व्यक्ति की पहचान कर सकती हैं कंपनियां

अजय पांडे का कहना है कि आज ऑफलाइन तरीके से किसी भी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि की जा सकती है। इसमें ई-आधार या क्यूआर कोड जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। पांडे के अनुसार इसके लिए बायोमीट्रिक डाटा या 12 अंकों की आधार संख्या की भी जरूरत नहीं है। पांडे का कहना है कि इन तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिए यूआईडीएआई की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
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