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अमरीकी विदेश सचिव ने कहा- भारत हमें अपने बाजार में जगह दे, खुल सकती जीएसपी दर्जा वापस करने की राह

locationनई दिल्लीPublished: Jun 13, 2019 12:47:41 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

भारत को जीएसपी दर्जा वापस करने पर दोबारा विचार कर सकता है अमरीका।
अमरीकी विदेश सचिव ने कहा- अपने बाजार में अमरीकी कंपनियों को देनी होगी जगह।
इस माह 24-30 जून के बीच भारत समेत चार देशों का दौरा करेंगे माइक पॉम्पियो।

Mike Pompoe

अमरीकी विदेश सचिव ने कहा- भारत हमें अपने बाजार में जगह दे, खुल सकती जीएसपी दर्जा वापस करने की राह

नई दिल्ली। अमरीकी सचिव माइक पॉम्पियो ( Mike Pompeo ) ने बुधवार को कहा कि अमरीका भारत के साथ अपने व्यापार संबंध बेहतर करने के लिए तैयार है। भारत अपने बाजार में अमरीकी कंपनियों के आने का रास्ता साफ करे। यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल ( US-India Business Council ) में बात करते हुए पॉम्पियो ने उस बात की तरफ भी इशारा किया, जिसमें अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने भारत को GSP के तहत दी जाने वाली छूट को वापस लेने का फैसला किया था। अमरीकी सचिव ( United States Secretary of State ) इस माह 24-30 जून के बीच भारत, श्रीलंका, जापान और दक्षित कोरिया के दौर पर होंगे।

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ट्रेड बैरियर खत्म करे भारत

अपने इस दौरे से पहले पॉम्पियो ने कहा, “हम बातचीत के लिए तैयार हैं और हमें उम्मीद है कि भारतीय दोस्त भी प्रतिस्पर्धा में विश्वास करते हुए ट्रेड बैरियर को खत्म करेंगे।” उन्होंने आगे कहा- हम दोनों देशों के बीच डेटा के फ्री फ्लो के लिए भी तैयार हैं। यह केवल अमरीकी कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि डेटा सुरक्षित रखने और ग्राहक की निजता के हित में उठाया गया कदम होगा।

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5 नेटवर्क में भी अमरीका कर सकता है मदद

डेटा सुरक्षा के लेकर पॉम्पियो ने कहा कि हम सुरक्षित कम्युनिकेशन नेटवक्र्स स्थापित करने के लिए मदद करने को तैयार हैं। इसमें 5त्र नेटवर्क भी शामिल हैं। बता दें कि यह सभी सुविधाएं सामान्य तरजीही व्यवस्था यानी जीएसपी के अंतर्गत आता है, जिसके तहत दक्षिण एशियाई देश अमरीका में कुल 5.6 अरब डॉलर की वस्तुएं व सेवाएं बिना आयात शुल्क के ही बेचते थे। साल 1976 के बाद से ही भारत ने इस सुविधा का लाभ सबसे अधिक लिया है।

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भारत अपने बाजार में दे अमरीकी कंपनियों का जगह

ध्यान देने वाली है ट्रंप प्रशासन अपने कार्यकाल के दौरान कई मौके पर इस बात को सामने रख चुका है कि भारत में कठोर नियामकीय प्रणाली की वजह से अमरीकी कंपनियों को यहां के बाजार में घुसना कठिन रहा है। विशेष तौर पर अमरीकी उस समय भी मुखर रहा जब भारत में नए ई-कॉमर्स नियमों के लागू होने के बाद अमेजन और वॉलमार्ट को धक्का लगा। पिछले साल ही वॉलमार्ट ने 16 अरब डॉलर में भारतीय ई-कॉमर्स को अधिग्रहण किया था।

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