scriptवेदांता डिलिस्टिंग में फेल, कंपनी के लिए एक बड़ी क्षति | Vedanta failed in delisting, a major loss for the company | Patrika News

वेदांता डिलिस्टिंग में फेल, कंपनी के लिए एक बड़ी क्षति

locationनई दिल्लीPublished: Oct 13, 2020 10:19:35 am

Submitted by:

Pratibha Tripathi

वेदांता की प्रमोटर वेदांता रिसोर्सेज ने इस कंपनी को शेयर बाजार से डीलिस्ट करवाने का प्रयास किया था
वेदांता के शेयर सीधे 10 फीसदी के लोअर सर्किट पर खुले

Vedanta failed in delisting,

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नई दिल्ली अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता रिसोर्सेज इन दिनों शेयर मार्केट में काफी पिछड़ते हुए स्तर पर है। जारी हुई लिस्ट में इस कपंनी का नाम सबसे नीचले स्तर तक पहुंच गया है जिसका सबसे कारण यह है कि कंपनी को डिलिस्टिंग के लिए जितने शेयर की जरूरत थी,वह उसे पाने में असफल रही है। जिससे वो काफी घाटे पर चल रही है।

शेयर बाजार के उछलते आंकड़े के अनुसार वेदांता को 134 करोड़ शेयर की जरूरत थी। इसको लेकर रिवर्स बुकिंग बिल्डिंग (RBB)की प्रक्रिया 9 अक्टूबर को खुली थी समाप्त हुई। इस शेयर बाजार पर 5 अक्टूबर से बोली शुरू हुई शुक्रवार को बंद हुई। जिसमें कंपनी को केवल 126 करोड़ शेयर की बोली मिली।

फिलहाल लिस्ट रहेगी कंपनी

कंपनी को मिली इस क्षति के बाद भी वो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट रहेगी। बता दें कि यदि वेदांता के प्रोमोटर शेयरधारकों के पास मौजूद कुल 169.73 करोड़ शेयरों में से 134 करोड़ शेयर भी खरीद लेती है तो शेयर बाजार से कंपनी की लिस्टिंग खत्म हो जाती है।

हिस्सेदारी वापस खरीदना चाह रहे हैं प्रवर्तक

वेदांता कंपनी ने अपनी डिलिस्टिंग के लिए 169.73 करोड़ शेयर यानी 47.67 फीसदी की हिस्सेदारी वापस खरीदना चाह रही हैं। ये हिस्सेदारी आम शेयरधारकों के पास है।

47.67 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं प्रमोटर्स

वेदांता का बाजार से डिलिस्ट करने के लिए प्रमोटर्स आम शेयरधारकों से 169.73 करोड़ शेयर या 47.67 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं। इसके लिए कंपनी की बोली 5 अक्टूबर को शुरू हुई और यह 9 अक्टूबर तक चलेगी। और इसके प्राइस का अंतिम फैसला 16 अक्टूबर को होगा। बीएसई पर वेदांता का शेयर गुरुवार को गिरावट के साथ 118 रुपए पर कारोबार कर रहा था।

कंपनी ने जुटाए 24,000 करोड़ रुपये

बीएसई में शुक्रवार को वेदांता का शेयर 3.83 फीसदी की बढ़त लेकर 122.10 रुपये पर बंद हुआ था। कंपनी ने डिलिस्टिंग को समाप्त करने के लिए 3.15 अरब डॉलर यानी करीब 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। जिसके बाद कंपनी इस वित्तपोषण के साथ 140- 145 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पुनर्खदीर कर सकती है।

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