अमरीका विश्व बैंक का सबसे बड़ा शेयर होल्डर है जिसमें उसकी 16 फीसदी हिस्सेदारी है। अच्छा नेतृत्व चुनना है तो प्रतिस्पर्धा जरूरी है। सवाल उठता है कि क्या विश्व बैंक के नए अध्यक्ष नौकरियां पैदा कर पाएंगे? दुनिया की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए क्या नीति रहेगी? पूर्व अध्यक्ष किम भी ऐसा कुछ नहीं कर पाए। क्या मालपास चीन जैसे संपन्न देशों को कर्ज देंगे? जिसके पास हजारों करोड़ की विदेशी मुद्रा रिजर्व है। 70 साल पहले जब बैंक की स्थापना हुई तब से पूंजी का संकट है पर पूंजी किसे देनी है बैंक के पास इसका कोई आधार नहीं है। विश्व बैंक को अलग नजरिया रखना होगा। निजी संस्थाओं की बजाए दुनिया के आमजन को लाभ पहुंचाने की नीति बनानी होगी जिसमें जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को शामिल करना होगा जिससे दुनिया के गरीबों की स्थिति सुधरे जो वैश्विक परिदृश्य में पीछे छूट गए हैं। सरकार को ऐसी संस्थाओं का प्रमुख चुनने के लिए बोर्ड के सदस्यों को आजादी देनी होगी जिससे करदाता खुद को ठगा हुआ महसूस न करें।
वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत