115वें स्थान पर है भारत
भारत 115वें स्थान पर और पाकिस्तान 134 वें स्थान पर है। दक्षिण कोरिया दूसरे, जापान तीसरे, हांगकांग और चीन चौथे तथा ब्रिटेन 15वें और अमेरिका 24वें स्थान पर है। इस सूचकांक को तैयार करने में विश्व बैंक ने कई मानकों को ध्यान में रखा है। इस सूचकांक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आज के समय में पैदा हुआ बच्चा जब 18 साल को होगा तो वह ह्युमैन कैपिटल के रूप में कितना प्रभावी होगी। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य,भविष्य में उत्पादकता और आमदनी की संभावनाओं आदि की कसौटी पर सदस्य राष्ट्रों की स्थिति का आकलन किया गया है।
बेहतर स्वास्थ्य ह्युमन कैपिटल के लिए बेहद जरूरी
विश्व बैंक के मुताबिक लोगों के कौशल विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर देकर देश अपने ह्युमैन कैपिटल को अधिक उत्पादक बना सकते हैं। विश्व बैंक के अनुसार स्वास्थ्य ह्युमैन कैपिटल का जरूरी हिस्सा है। लोग जब स्वस्थ होते हैं तो उनकी उत्पादकता भी बढती है। नाइजीरिया में मलेरिया परीक्षण और उपचार मुहैया कराने के कार्यक्रम से कर्मचारियों की आय में 10 फीसदी तक की बढोतरी दर्ज की गयी। केन्या में किये गये एक अध्ययन से पता चलता है कि बच्चों को पेट की कीड़े मारने की दवा देने से स्कूल में उनकी अनुपस्थिति घट गयी और किशोरावस्था में आमदनी 20 फीसदी तक बढ़ गयी।
सभी देश ह्युमन कैपिटल के महत्व को समझें
ह्युमैन कैपिटल को विकास की कुंजी बताते हुये विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब विपरीत परिस्थितियां होती हैं या युद्ध का माहौल होता है, तो सबसे पहला वार इसी पर होता है। जैस कि सीरिया में 2011 से 2014 के बीच करीब 40 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हो गये। विश्व बैंक ने सदस्य राष्ट्रों से आग्रह किया है कि वे अपने ह्युमैन कैपिटल के महत्व को समझते हुये इस मद में अधिक से अधिक निवेश करें। निम्न एवं मध्यम आय वर्ग वाले देशों की सरकारों ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के लिये नगद हस्तांतरण कार्यक्रम चलाया और इसका परिणाम सकारात्मक रहा है।