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व्यापारिक विवादों के समाधान को फिर शुरू हो डब्ल्यूटीओ वार्ता: प्रभु

locationनई दिल्लीPublished: Sep 18, 2018 05:55:31 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

बैठक में जी-20 देशों के मंत्रियों के अलावा आठ अतिथि देशों और सात अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।

Suresh Prabhu

व्यापारिक विवादों के समाधान को फिर शुरू हो डब्ल्यूटीओ वार्ता: प्रभु

नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक व्यापारिक विवादों का समाधान बातचीत से करने का आह्वान करते हुए कहा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वार्ताओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले सप्ताह 14 सितंबर को अर्जेंटीना के मार डेल प्लाटा में जी -20 सदस्य देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए कहा कि वैश्विक व्यापारिक विवादों से विकासशील और अल्प विकसित देशों को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए इन विवादों को निपटाने के लिये संबंधित पक्षों के बीच बातचीत तो प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रभु भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे।
बहुस्तरीय बाजार-व्यापार व्यवस्था के पक्ष में है भारत

उन्होंने कहा कि भारत नियम आधारित बहुस्तरीय बाजार-व्यापार व्यवस्था के पक्ष में हैं। डब्ल्यूटीओ की वार्ताओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए और इस प्रक्रिया में इसके मूलभूत सिद्धांतों आम सहमति, समग्रता, पारदर्शिता और विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए अलग अलग समाधान को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में सेवा क्षेत्र के बाजार को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पादन का 50 फीसदी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रभु ने जी-20 के व्यापार मंत्रियों की बैठक के सभी सत्रों में हिस्सा लिया। इन बैठकों में जारी व्यापारिक तनावों के कारण वैश्विक व्यापार एवं आर्थिक स्थिति की नाजुकता पर विचार विमर्श किया गया।
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत

प्रभु ने वर्ष 2030 तक भुखमरी, गरीबी, महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन, विकासशील एवं अल्प विकसित देशों के छोटे और सीमांत किसानों के कल्याण के सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक व्यापार में शुल्कों के अलावा अन्य बाधाओं को हटाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार को शुल्कों से ज्यादा इन बाधाओं से नुकसान हुआ है। उन्होंने जी-20 देशों से कृषि क्षेत्र के छोटे उद्योगों को तकनीक, शोध और पूंजी उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरुरत है। इससे छोटे उद्योगों के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
जी-20 शिखर बैठक में शामिल किए जाएंगे बैठक के मुद्दे

बैठक में जी-20 देशों के मंत्रियों के अलावा आठ अतिथि देशों और सात अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अर्जेंटीना में प्रभु ने व्यापारिक मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के साथ साथ 24 द्विपक्षीय बैठकें भी की। इन द्विपक्षीय बैठकों में आपसी संबंध सुदृढ़ करने तथा डब्ल्यूटीओ में सुधार पर चर्चा की गई। इस जी-20 की बैठक में किए गए विचार विमर्श को जी-20 शिखर बैठक के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। यह शिखर बैठक 20 नवंबर से एक दिसंबर तक ब्यूनस आयर्स में होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है।

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