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“देश की शिक्षा प्रणाली पर एक खास विचारधारा थोपी जा रही”

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2018 06:52:41 pm

किसानों और मजदूरों, छोटे और मझौले उद्यमियों, सबके दिलों में ऐसा ही महसूस हो रहा है। प्रत्येक व्यक्ति यह कह रहा है कि एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश को एक विचारधारा से नहीं चलाया जा सकता है।

"देश की शिक्षा प्रणाली पर एक खास विचारधारा थोपी जा रही"

किसानों और मजदूरों, छोटे और मझौले उद्यमियों, सबके दिलों में ऐसा ही महसूस हो रहा है। प्रत्येक व्यक्ति यह कह रहा है कि एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश को एक विचारधारा से नहीं चलाया जा सकता है।

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार पर यह कहते हुए हमला बोला कि शिक्षा प्रणाली पर एक खास विचारधारा थोपी जा रही है। उन्होंने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि इसके खिलाफ संघर्ष में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है। तकरीबन 20 प्रदेशों के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के साथ यहां आयोजित संवाद में राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को अपनी आवाज उठाने की अनुमति अवश्य होनी चाहिए। गांधी ने कहा कि निजी संस्थानों के लिए जगह हो, लेकिन व्यवस्था की नींव का मार्गदर्शन सरकारी शिक्षा प्रणाली के पास होना चाहिए। उन्होंने कुछ शैक्षणिक संस्थानों की ऊंची फीस को लेकर चिंता जाहिर की।

राहुल ने कहा कि मैं यहां मुख्य रूप से आपको यह बताने आया हूं कि आपको लगता है कि आपके ऊपर हमले हो रहे हैं, आप खतरों के घेरे में हैं और आपके ऊपर एक विचारधारा थोपी जा रही है। आप यह महसूस करते हैं कि एक पाठ्यक्रम अकस्मात अब भारत के हर शैक्षणिक संस्थान में स्वीकार्य हो गया है और आप इस संघर्ष का सामना करने में आप अकेले नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि केवल आप अपने दिलों में ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं, बल्कि हर व्यक्ति के दिल में ऐसी अनुभूति हो रही है। किसानों और मजदूरों, छोटे और मझौले उद्यमियों, सबके दिलों में ऐसा ही महसूस हो रहा है। प्रत्येक व्यक्ति यह कह रहा है कि एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश को एक विचारधारा से नहीं चलाया जा सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नहीं, बल्कि एक नागरिक के रूप में बोल रहे हैं, जो यह मानता है कि हमारे देश के भविष्य का मार्गदर्शन हमारे शिक्षक करते हैं, जिसका मानना है कि अगर आप शिक्षकों को खुद की अभिव्यक्ति की अनुमति नहीं करने दोगे तो आपके पास कोई शिक्षा प्रणाली नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि आप देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं, आपके अनुभव अलग-अलग तरह के हैं और चुनौतियों में भिन्न-भिन्न हैं। आपकी प्रतिक्रियाएं भी अगल-अगल तरह की होंगी, वे एक जैसी नहीं हो सकती हैं और मैं इसे भारत की सबसे बड़ी शक्ति मानता हूं। मेरा मानना है कि आप संगठित हैं और आप सब अपनी हिफाजत करने को तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि वह एक छात्र के रूप में आए हैं, न कि शिक्षक के रूप में और वह यह समझना चाहते हैं कि क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षक को गुरु माना जाता है, जो मार्गदर्शन करते हैं, निर्देश देते हैं और जिनमें खुद की अभिव्यक्ति की क्षमता होती है। राहुल ने शिक्षा प्रणाली की लागत बढऩे पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं देखता हूं कि शिक्षा प्रणाली की लागत बढ़ती जा रही है, खासतौर से छात्रों और उनके परिवारों के लिए। यह इस स्तर तक बढ़ गया है, जोकि स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा देश में शिक्षा प्रणाली में सुधार व विस्तार के लिए किए गए कार्य से अवगत हैं।

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