इससे पहले ये यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ केमेस्ट्री के जेनेटिक्स साइंस सेंटर में काम कर चुके हैं। नौ साल की उम्र से ही इन्हें कैलकुलस और फिजिक्स में रुचि, इसके बाद से ही एनालिटिकल केमेस्ट्री, बायोकेमेस्ट्री और बायोलॉजी विषय को लेकर अलग-अलग यूनिवर्सिटी में होन वाले कार्यक्रमों में भाग लेने लगे थे। जब इनसे पूछा गया कि क्या कभी आप अपनी इंटेलिजेंस को लेकर अकेला महसूस करते हैं तो इन्होंने जवाब दिया था कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। मैं खुद को एक यूनिवर्सिटी मानता हूं और केमेस्ट्री मेरा सबसे पसंदीदा विषय है। मां अरसेलिया डायज कहती हैं कि उनके बेटे ने उन्हें नई पहचान दी है जिसने पूरे परिवार को गौरवान्वित किया है।
कार्लोस का सपना कम उम्र में वो हर मुकाम हासिल करना है जिससे इनकी उम्र के दूसरे बच्चे भी इनके जैसा बनने की कोशिश करें। कार्लोस रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई करते हैं। दोस्तों के साथ बैडमिंटन, स्नूकर और चेस खेलना पसंद करते हैं। इनके दोस्त जब इन्हें जीनियस कॉर्लोस कहकर बुलाते हैं तो ये उन्हें ऐसा करने से मना करते हैं। अकेलापन महसूस करने के सवाल पर कहते हैं कि मैं खुद को एक यूनिवर्सिटी मानता हूं।
हमारे लिए सब समान
वहीं, कॉलेज प्रशासन ने कॉर्लोस को लेकर कहा है कि वे हमारे लिए अन्य बच्चों की तरह ही हैं। कम उम्र में इस मुकाम पर पहुंचने के लिए हमारी तरफ से उन्हें कोई रियायत या विशेष तरह की सुविधा नहीं दी जाएगी। यूनिवर्सिटी उम्मीद करती है कि कार्लोस अपनी पढ़ाई अच्छे ढंग से करने के बाद अपने सपने पूरे करेंगे और भविष्य में कॉलेज के साथ देश का नाम रोशन करेंगे जो सभी को प्रेरित करेगा।
कार्लोस ने मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओबरादोर से कहा है कि वे गलती न दोहराएं जो पिछले राष्ट्रपतियों ने की थीं। नेताओं को देश का खयाल रखना होगा, जैसे मैं अपना खयाल रखता हूं। हमारा देश ऐसे लोगों से भरा है जो सपने देखते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास कोई सपना नहीं है क्योंकि उनके पास कोई मौका नहीं है।