प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों की बदौलत राज्य देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र मे नए आयाम स्थापित हुए हैं और सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालायों की अपेक्षा अधिक नामांकन व प्रवेश होने लगे हैं तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण सरकारी स्कूलों के प्रति रुझान बढ़ा है।
प्रो. देवनानी ने कहा कि भावी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा देने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। अब अकबर महान के बजाय महाराणा प्रताप महान पढ़ाया जा रहा है। पाठ्यक्रमों में डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं वीर सावरकर के प्रेरणास्पद प्रसंग भी सम्मिलित किए जाएंगे।
छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले तथा वे कर्म प्रधान बनें, इसके लिए सभी विद्यालयों के पुस्तकालयों में भागवत गीता उपलब्ध कराई गई है। विभाग में एक लाख 20 हजार अध्यापकों को पदोन्नति प्रदान की गई है तथा लगभग एक लाख 60 हजार पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगले शिक्षा सत्र में किसी भी श्रेणी का कोई भी पद रिक्त नहीं रहेगा।
टीचिंग, लर्निंग मैथड के टिप्स
मणिपाल विश्वविद्यालय के जयपुर टीचर एम्पावरमेंट सेंटर में फेकल्टी डवलपमेंट कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन प्रो. के. रामनारायण, प्रेसिडेंट प्रो. जी. के. प्रभु भी मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रतिभागी फेकल्टी सदस्यों को टीचिंग एवं लर्निग मैथड के टिप्स दिए गए। प्रो. के. रामनारायण ने शिबूलेथ इन फेकल्टी डवलपमेंट के बारे में बात करते हुए एफ डीपी की परिभाषा, प्रश्नावली के माध्यम से एफ डीपी डवलपमेंट से और बेहतर सीखने के गुर सिखाए। प्रो. सुधाकर नायक ने मल्टीपल इन्टेलिजेंस के बारे में बताया। उन्होंने व्यक्ति में 9 प्रकार की मल्टीपल इंटेलीजेंस के बारे में जानकारी दी।