ऑल इण्डिया अगरबत्ती मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सरथ बाबू ने कहा, अगरबत्ती उद्योग में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों की शिक्षा में सहयोग प्रदान करने के लिए ट्रस्ट ने साल 1995-96 में इस पहल की शुरूआत की। अगरबत्ती उद्योग पिछले कुछ दशकों के दौरान तेजी से विकसित हुआ है। हालांकि कुटीर उद्योग के नियोक्ताओं तथा इन मजदूरों के संदर्भ में श्रम कानूनों को अब तक सही परिभाषा नहीं मिली है। जिसके चलते मजदूरों को मिलने वाला वेतन इनकी जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसी के मद्देनजर ट्रस्ट ने मजदूरों की मदद करने, खासतौर पर इनके बच्चों को पढ़ाई में सहयोग देने का फैसला लिया। पिछले तीन सालों में ट्रस्ट तकरीबन 2000 छात्रों की मदद के लिए 44 लाख रु वितरित कर चुकी है और इस साल भी हमें उम्मीद है कि हम 900 महत्वाकांक्षी छात्रों को पढ़ाई में मदद कर सकेंगे।
ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध इस मदद का फायदा पाने के लिए अगरबत्ती उद्योग के कर्मचारियों को अपने नियोक्ता-ऑल इण्डिया अगरबत्ती मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के माध्यम से ट्रस्ट को आवेदन भेजना होगा। वित्तीय वर्ष के लिए स्कूल शुल्क की रसीद मैसूर ओड़ाबाथी मैनुफैक्चरर्स चैरिटेबल ट्रस्ट के पास जमा करनी होगी। जिसके बाद शुल्क की 20 से 50 फीसदी राशि मैनुफैक्चरर्स के चैनल के माध्यम से लौटा दी जाएगी। पेशेवर शिक्षा के मामले में आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद ट्रस्ट द्वारा हर साल 50,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।