साख पर उठ सकते हैं सवाल
काउंसिल का कहना है कि यदि कॉलेज ऐसा नहीं करते हैं और सेंट्रल गवर्नमेंट के पब्लिक ग्रीवांस पोर्टल पर ये शिकायतें पाई जाती हैं तो यह माना जाएगा कि कॉलेज या इंस्टीट्यूट मैकेनिज्म ठीक से काम नहीं कर रहा है। यदि कॉलेज एेसा नहीं करते हैं तो उनकी रिपोर्ट एक्रेडिटेशन एजेंसीज को भेजी जाएगी। साथ ही उन्हें हर साल मिलने वाली अप्रूवल और रिन्यूअल में भी इस रिपोर्ट को शामिल किया जाएगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भविष्य में उनकी साख पर सवाल उठ सकते हैं।
पेंडिंग हैं शिकायतें
हालांकि इधर यूजीसी के ‘ऑनलाइन स्टूडेंट्स ग्रीवांस रिड्रेसल पोर्टल’ पर स्टूडेंट्स की 6577 शिकायतें पेंडिंग हैं। इसमें आरयू की 66, आरटीयू की 38, सेंट्रल यूनिवर्सिटी की 16, राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ एंड साइंस की 10 शिकायतों पर कार्यवाही नहीं हुई हैं।