क्या है वर्चुअल रियलिटी वर्चुअल रियलिटी एक कम्प्यूटर सिस्टम है। इसकी मदद से एक काल्पनिक दुनिया तैयार की जाती है। इसमें यूजर मौजूदा हालात में होने का अनुभव करता है, जैसे वह उस दुनिया में है। यूजर उस दुनिया में चीजों को मेन्युप्लेट करने और इसके माध्यम से उसे नेविगेट करने की योग्यता का अहसास करता है। वर्चुअल रियलिटी 3डी वातावरण, विजुअल मल्टीमीडिया आदि से संबंधित एप्लीकेशन्स में काम में ली जाती है। वर्चुअल रियलिटी कम्प्यूटर के द्वारा जनरेट की गई दुनिया में होने का अहसास कराती है।
स्किल्स में बढ़ोतरी शिक्षा के क्षेत्र में वर्चुअल रियलिटी और ऑग्र्युमेंटेड रियलिटी छात्रों को लर्निंग में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है, स्किल्स विकसित करती है, कॉन्फिडेंस को बूस्ट करती है, कॉन्सेप्ट्स को बेहतर तरह से समझने में मदद करती है, पढ़ाई को मजेदार बनाती है, प्रैक्टिकल और थ्योरेटिकल का अच्छा संयोजन बनाती है। हमारे देश की साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है पर शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में ना के बराबर किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक देश के सभी छात्रों तक शिक्षा में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी आसानी से मुहैया होगी।
क्या है ऑग्र्युमेंटेड रियलिटी ऑग्र्युमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रियलिटी का ही दूसरा रूप है। इस तकनीक में आपके आस-पास के वातावरण से मेल खाता हुआ कम्प्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं यानी आपके आस-पास के दुनिया के साथ एक और आभासी दुनिया को जोडक़र एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है यानी आप वास्तविक दुनिया और आभासी दुनिया बीच फर्क नहीं बता सकते हैं। ऑग्र्युमेंटेड रियलिटी का प्रयोग डिजिटल शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
एआर और वीआर का इस्तेमाल शिक्षा में टेक्नोलॉजी विषय को सरल बनाने का काम करती है। आजकल प्रोजेक्टर, स्मार्ट क्लासेज का दौर है। ऐसे में वर्चुअल रियलिटी और ऑग्र्युमेंटेड रियलिटी शिक्षा को सरल बना रही है। शिक्षा में क्रिएटिव लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल रियलिटी और ऑग्र्युमेंटेड रियलिटी कारगर साबित हुई है। यह छात्रों को विषय के बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित भी करती है और कल्पनाशीलता बढ़ाती है।