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विदेश में करनी हो पढ़ाई तो आस्ट्रेलिया की यह यूनिवर्सिटी है एक बेहतर विकल्प

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2018 06:53:09 pm

भारतीय विद्यार्थियों के लिए आस्ट्रेलिया स्थित जेम्स कुक यूनिवर्सिटी एक बेहतर विकल्प हो सकती है, क्योंकि वहां आवास खर्च दुनिया के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों के मुकाबले कम है

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विदेश में करनी हो पढ़ाई तो आस्ट्रेलिया की यह यूनिवर्सिटी है एक बेहतर विकल्प

विदेशों में पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए आस्ट्रेलिया स्थित जेम्स कुक यूनिवर्सिटी एक बेहतर विकल्प हो सकती है, क्योंकि वहां आवास खर्च दुनिया के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों के मुकाबले कम है। साथ ही, यूनिवर्सिटी में बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री के कई ऐसे कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें प्लेसमेंट की दर शत प्रतिशत है। यह बातें विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट प्रमुख विग्नेश विजयराघवन ने कहीं। विजयराघवन और जेसीयू के कॉलेज ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग के एसोसिएट डीन रिसर्च एजुकेशन प्रोफेसर मोहन जैकब ने गुरुवार को यहां एक प्रेसवार्ता में जेसीयू में मौजूद पाठ्यक्रमों और सुविधाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
विजयराघवन ने बताया कि जेसीयू में लिविंग कॉस्ट यानी निवास व खान-पान का खर्च दुनिया के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों की अपेक्षा 40 फीसदी कम है। विद्यार्थी किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी का चयन करते समय लिविंग कॉस्ट से पहले उसकी रैंकिंग व प्लेसमेंट देखते हैं। इसलिए उनसे जब जेसीयू की रैंकिंग व प्लेसमेंट की स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि टाइम्स हायर एजुकेशन यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग की सूची में जेसीयू 28वें पायदान पर है। जेसीयू की वेबसाइट के अनुसार, इस केटेगरी में यूनिवर्सिटी पिछले दो साल से 38वें पायदान पर थी मगर अब 10 अंक की उछाल के साथ 28वें स्थान पर है।
राघवन ने बताया कि इंजीनियरिंग कोर्स में शत प्रतिशत प्लेसमेंट है जबकि सभी कोर्स को मिलाकर यूनिवर्सिटी का प्लेसमेंट 75 फीसदी है। मतलब इस विश्वविद्यालय से पढ़कर निकलने वाले 75 फीसदी विद्यार्थियों को तत्काल नौकरी मिल जाती है। उन्होंने कहा कि जेसीयू के डिग्री की मान्यता दुनिया के हर देशों में है और वहां से पास करने वाले छात्र दुनिया के विभिन्न देशों में अच्छी नौकरी पाने में कामयाब होते रहे हैं।
मोहन जैकब ने विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि मरीन बायोलोजी पाठ्यक्रम में यह विश्वविद्यालय दुनिया अव्वल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने मास्टर्स ऑफ इंजीनियरिंग, मास्टर्स ऑफ ग्लोबल डेवलपमेंट और डिप्लोमा ऑफ इंजीनियरिंग के नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। दो वर्षीय इन पाठ्यक्रमों में दाखिला फरवरी 2019 में शुरू होगा।
फीस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस अलग-अगल है, मगर नए मास्टर्स कोर्स की फीस 26,000-26,540 आस्ट्रेलियन डॉलर है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों के मुकाबले जेसीयू के विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस कम है, इसलिए विदेशों में पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए जेसीयू एक बेहतर विकल्प है।
उन्होंने बताया कि जेसीयू में छात्र और शिक्षक का अनुपात कम होने से छात्रों को विशेष लाभ मिलता है और उनके सर्वांगीण विकास पर खास ध्यान दिया जाता है। राघवन ने बताया कि जेसीयू में बैचलर्स कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा में कम से कम 65 फीसदी अंक होना जरूरी है। इसके साथ, विदेशी संस्थानों में प्रवेश के लिए जरूरी अंग्रेजी भाषा दक्षता की परीक्षा में पात्रता के अनुरूप स्कोर करना जरूरी है।
जेसीयू में दाखिला वर्ष में दो बार होता है। वर्ष के आरंभ में फरवरी में दाखिला शुरू होता है। इसके बाद वर्ष के मध्य में जुलाई में भी कई पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है।
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