विश्वविद्यायल में सात नवंबर को हुई मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद से ही छात्र इसका विरोध कर रहे थे। यह विरोध प्रदर्शन एक महीने तक चला। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग के छात्रों ने फिरोज खान की सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के फैसले का विरोध किया। छात्रों का कहना था कि एक गैर-हिंदू शिक्षक संस्कृत संकाय में धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता हैं। वह अन्य संस्कृत विभाग में भाषा तो पढ़ा सकता है, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता।संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग बीएचयू प्रशासन और छात्रों के बीच एक महीने से अधिक समय से विवाद का विषय बना हुआ था।
छात्रों का प्रदर्शन खत्म
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (एसवीडीवी) संकाय के छात्रों ने मंगलवार को मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति के खिलाफ महीने भर लंबे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया। छात्रों ने मुस्लिम शिक्षक के इस्तीफे के बाद प्रदर्शन वापस लिया है। डीन कौशलेंद्र पांडेय ने एक औपचारिक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षक फिरोज खान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने छात्रों से कक्षाओं में वापस आने का आग्रह किया। खान ने अपना इस्तीफा सोमवार को जमा किया। उन्होंने कला संकाय के संस्कृत विभाग में ज्वाइन किया है।
एसवीडीवी के छात्र खान की नियुक्ति के खिलाफ सात नवंबर से प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने दावा किया था कि उनका विरोध मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर नहीं है बल्कि धर्म से गहराई से जुड़े एक विषय के लिए गैर हिंदू की नियुक्ति को लेकर है।
विरोध-प्रदर्शन के बीच खान ने बीएचयू के संस्कृत विभाग में सहायक प्रोफेसर व आयुर्वेद संकाय के संहिता के लिए साक्षात्कार दिया। इसके लिए साक्षात्कार 29 नवंबर व 4 दिसंबर को हुए। उन्होंने आवेदनकर्ताओं की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।