तकनीकी शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में ही इन पाठ्यक्रमों को खोलने हेतु अनुमति प्रदान कर दी गई थी। प्रो. चारण ने बताया कि यूनिवर्सिटी में एमटेक पाठ्यक्रमों के संचालित होने से स्थानीय स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा। इससे यूजीसी द्वारा 12बी की मान्यता के लिए पांच पीजी पाठ्यक्रमों की आवश्यकता पूर्ति में मदद मिल सकेगी।
संशोधित सिलेबस
प्रो. चारण ने बताया कि तीनों पाठ्यक्रमों का संशोधित सिलेबस तैयार कर लिया गया है। इसे इंडस्ट्रीज की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिसके तहत स्टूडेंट को प्रथम सेमेस्टर में इंडस्ट्री और सम्बन्धित विषय में फील्ड वर्क पर जाना अनिवार्य होगा। तृतीय सेमेस्टर में विषय से सम्बन्धित इन्डस्ट्री में पूरे सेमेस्टर ट्रेनिंग एवं प्रोजेक्ट पर कार्य करना होगा। इन पाठ्यक्रमों की परीक्षा भी नई स्कीम के तहत ली जाएगी जिसमें ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी किए जाएंगे। जिससे स्टूडेंट्स को पीएचडी करने के लिए दुनियाभर के उच्च रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटीज में प्रवेश मिलगा।