12वीं परीक्षा से छात्रों का तय होता है करियर महाराष्ट्र सरकार की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में यह शपथपत्र राज्य के स्कूल शिक्षा एवं खेल विभाग के उप सचिव राजेंद्र पावा की ओर से दायर किया गया। दरअसल, प्रोफेसर धनजंय कुलकर्णी ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा 10वीं की परीक्षाओं को रद्द करने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने प्रोफेसर कुलकर्णी की याचिका पर प्रदेश सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। अदालत ने पूछा था कि सरकार 12वीं कक्षा (
12th board exam ) की परीक्षा क्यों आयोजित करा रही है। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं फिलहाल स्थगित की गई हैं। इस पर अंतिम निर्णय केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर फैसला करने के बाद लिया जाएगा। हलफनामे में इस बात का भी जिक्र है कि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं छात्रों के लिहाज से दसवीं की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। 12वीं कक्षा के परिणाम के आधार पर उनका करियर तय होता है।
इसके अलावा राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में बताया है कि कोविड-19 के मामलों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन स्थिति अब भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर दबाव है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर का खतरा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह लहर 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित कर सकती है।
Web Title: Board Exam 2021 Class 12 Exams More Important Than Class 10 Maharashtra Govt to Bombay High Court