इस बजट में शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए गत वर्ष की अपेक्षा अधिक पैसा अलॉट किया गया है। गत वर्ष शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 85 हजार 10 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जिसमें 50 हजार करोड़ रुपए स्कूली शिक्षा और 35010 करोड़ रुपए उच्च शिक्षा के लिए खर्च करने का प्रावधान था। इस वर्ष इस रकम को बढ़ा दिया गया है। केवल राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में ही 38573 करोड रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
इस वर्ष के अंतरिम बजट में की गई घोषणा इस प्रकार है-
राष्ट्रीय शिक्षा मिशन – 38573 करोड़ रुपए (वर्ष 2018-19 में 32613)
राष्ट्रीय स्कूल मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम – 11000 करोड़ रुपए (वर्ष 2018-19 में 10500)
राष्ट्रीय आजीविका मिशन – 9524 करोड़ रुपए (वर्ष 2018-19 में 6060)
कार्य एवं कौशल विकास – 1082 करोड़ रुपए (वर्ष 2018-19 में 1019)
कृषि विश्वविद्यालय एवं संस्थाएं – 566 करोड़ रुपए (वर्ष 2018-19 में 526)
इनके अलावा भी आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य रियायतों की घोषणा की गई है।
एक्सपर्ट्स ने जताई थी ये संभावनाएं
बजट से पहले की रिपोर्ट्स के अनुसार माना जा रहा था कि सरकार शिक्षा बजट में इजाफा करेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों में 27 फीसद ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान शिक्षा बजट में अतिरिक्त आर्थिक बोझ को वहन करने के लिए के लिए किया था। इस वर्ष सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को दिए गए 10 फीसदी आरक्षण के लिए भी इसी तरह का कोई अतिरिक्त प्रावधान किए जाने की संभावना जताई जा रही थी।