दरअसल अब तक सीए कोर्स में एंट्री तो ईजी है, लेकिन एग्जिट टफ है। स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में सीए कोर्स में एनरोल तो हो जाते हैं और इंटरमीडिएट भी क्लीयर कर लेते हैं। लेकिन फाइनल फाइव परसेंट स्टूडेंट्स भी पास नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि कई साल मेहनत के बाद स्टूडेंट्स इंटर के बाद सीए कोर्स ड्रॉप कर देते हैं। स्टूडेंट्स की इसी परेशानी को देखते हुए इंस्टीट्यूट ने सीए कोर्स में इंटरमीडिएट का स्टैंडर्ड टफ और फाइनल आसान किया है।
इन पेपर्स में घटाए और बढ़ाए टॉपिक्स
आइसीएआइ ने सीए फाइनल के फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, स्ट्रेटेजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट, एडवांस्ड ऑडिटिंग एंड प्रोफेशनल एथिक्स, कॉरपोरेट एंड इकोनॉमिक लॉ, रिस्क मैनेजमेंट, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड कैपिटल मार्केट्स, इकोनॉमिक लॉ और इनडायरेक्ट टैक्स लॉ पेपर्स में से कई टॉपिक्स हटा दिए हैं। वहीं कॉरपोरेट एंड इकोनॉमिक लॉ, रिस्क मैनेजमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज एंड कैपिटल मार्केट्स पेपर्स में कुछ नए टॉपिक एड ऑन किए हैं। ये सभी बदलाव अगले साल मई में होने वाले एग्जाम्स से लागू होंगे।
आइसीएआइ का यह कदम निश्चित रूप से स्टूडेंट्स के लिए राहत भरा है। इंटर क्लीयर करने वाले करीब-करीब सभी स्टूडेंट्स सीए फाइनल करके ही निकलेंगे। इररेलेवेंट टॉपिक्स को हटा देने से स्टूडेंट्स स्टडी मैटेरियल को लेकर ज्यादा कन्फ्यूज नहीं होंगे।
– सीए लोकेश कासट, चेयरमैन, आइसीएआइ जयपुर चैप्टर