मेघना ने बताया कि उन्होंने पढ़ते वक्त कभी घंटे नहीं गिने। मसलन वे यह तो नहीं कह सकतीं कि उन्होंने रोजाना कितने घंटे पढ़ाई की, लेकिन हां उन्होंने साल भर खूब मेहनत की और बहुत सारे क्वेश्चन पेपर्स सॉल्व किए। यह उनकी सालभर की मेहनत का ही नतीजा था, जिसके बूते आर्ट्स स्ट्रीम के बावजूद मेघना ने वो कर दिखाया, जिसे बहुत ही कठिन माना जाता रहा है।
मेघना को हिस्ट्री, जॉग्राफी, इकोनॉमिक्स और साइकोलॉजी में १०० में से १०० अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि इंग्लिश में उन्हें १०० में से ९९ अंक मिले हैं। मेघना ने ज्यादा से ज्यादा सवाल हल करने की कोशिश की और वे जहां भी अटकती थीं, अपने टीचर्स के पास तुरंत पहुंच जाती थीं। मेघना ने बताया कि उन्हें साइकोलॉजी पढऩा बहुत पसंद है और वे इसी में अपना करियर बनाना चाहती हैं। वे इसी में मेजर करना चाहती हैं। हालांकि मेघना को भी यकीन नहीं हो रहा कि उन्होंने देश भर में टॉप किया है। मेघना कर रिजल्ट उनके पिता जी ने देखा था और फिर न्यूज के जरिए उन्हें पता चला कि मेघना ने पूरे देश में टॉप किया है।