स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा पर केंद्रित दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों में अब हर दिन ”खेल का एक पीरियड (कक्षा) रखना अनिवार्य होगा, जिसमें बच्चों को खेल के मैदान में जाना होगा, नियमावली में उल्लेखित शारीरिक गतिविधियां करनी होगी और उसके अनुसार ही उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे।
इससे पूर्व में गत वर्ष जब सीबीएसई ने नवीं से बारहवी कक्षा तक के लिए स्वास्थ्य तथा शारीरिक शिक्षा की कक्षा अनिवार्य करते हुए कहा था कि स्वास्थ्य अक्सर शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक तंदुरुस्ती की अवस्था होता है केवल बीमारी न होना स्वस्थ होना नहीं है। इसलिए हमने नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा को मुख्यधारा में लाने का निर्णय लिया है। अब इसी नियम का विस्तार करते हुए शेष छात्र-छात्राओं को भी इस नियम के अन्तर्गत ले लिया है।