आपको बता दें नैशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के आवेदन की प्रक्रिया की शुरुआत 8 फरवरी, 2018 को हुई थी। शुरू में आवेदन की आखिरी तारीख 9 मार्च रखी गई थी लेकिन बाद में इसकी तिथि में बदलाव कर इसे 12 मार्च कर दिया गया। नीट की परीक्षा 6 मई, 2018 का आयोजित की जाएगी। गौर हो इस बार नीट एक्जाम को लेकर कुछ विवाद भी हुआ था और यह कोर्ट तक भी पहुंचा था।
कुछ स्टूडेंट्स ने पिछले वर्ष अलग-अलग भाषा में अलग-अलग प्रश्न सेट और कठिनाई स्तर होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। छात्रों का कहना था कि हिंदी और इंग्लिश के मुकाबले क्षेत्रीय भाषा के प्रश्नपत्र काफी कठिन है। इस मामलें में छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था, जहां पर फैसला छात्रों के पक्ष में सुनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था सीबीएसई को यह आदेश जारी किया था कि हिंदी और इंग्लिश के अलावा सभ क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्न पत्र के सेट एक ही हों, साथ ही इनका ही क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद भी कराया जाए।
शुरुआत में NIOS और ओपन के छात्रों को परीक्षा देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था। सीबीएसई के इस फैसले को भी दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी और इस मामले में भी फैसला छात्रों के हक में आया था। फैसले के बाद एनआईओएस एवं ओपन के स्टूडेंट्स को परीक्षा देने की अनुमति मिल गई थी। इसके अलावा नीट के आवेदन के लिए शुरू में आधार कार्ड को भी अनिवार्य किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सीबीएसई के फैसले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि नीट 2018 और अन्य ऑल इंडिया एग्जाम्स के लिए आधार जरूरी नहीं है।