वहीं सीबीएसई डमी स्कूलों पर भी लगाम कसने जा रहा है। बोर्ड ऐसी स्कूलों का एफिलिएशन रद्द करेगा, जिन्होंने केवल डॉक्यूमेंट्स में स्टूडेंट्स के एडमिशन ले रखे हैं। पहले स्कूलों के इंस्पेक्शन के दौरान एफिलिएशन टीम को अनियमितताएं मिलने पर सिर्फ सिस्टम ठीक करने की वार्निंग दी जाती थी। सीबीएसई के एक अधिकारी ने बताया कि वैसे तो बोर्ड पिछले कुछ सालों से डमी स्कूलों को लेकर सकुर्लर जारी कर रहा है, लेकिन अब जल्द ही बोर्ड ऐसी स्कूलों के खिलाफ एक्शन लेने जा रहा है। पिछले दिनों सीबीएसई की एफिलिएशन टीम को शहर की एक स्कूल में कुल 108 एनरोल्ड स्टूडेंट्स में से केवल तीन बच्चे ही प्रजेंट मिले थे, जबकि स्कूल ने उस दिन 105 स्टूडेंटï्स को अटेंडेंस में प्रजेंट दिखाया था।
एक सेक्शन में 40 से 45 स्टूडेंट्स ही
सीबीएसई 2019-20 सेशन से स्कूल का एनरोलमेंट डेटा भी एनालिसिस करेगा। बोर्ड की ओर से जितने सेक्शन के लिए स्कूल को एफिलिएशन मिला है, स्कूल उतने ही स्टूडेंट्स एनरोल कर सकेगा। एक सेक्शन में 40 से 45 स्टूडेंट्स ही होंगे, साथ ही टीचर्स की संख्या का भी ध्यान रखा जाएगा। वहीं स्कूल की एफिलिएशन के अकॉर्डिंग सेक्शन वाइज स्टूडेंट्स की संख्या देखी जाएगी, इसके बाद रजिस्टर्ड होने वाले स्टूडेंट्स का एनरोलमेंट कैंसिल किया जाएगा।