क्या है लर्निंग हब
बोर्ड पांच-पांच स्कूलों के ग्रुप बनाकर स्कूलों को क्लब करेगा। इन स्कूल ग्रुप्स को बोर्ड यह निर्देश देगा कि वो अपने स्कूल की बेस्ट प्रेक्टिसेस , टीचिंग मैथेड की जानकारी एक-दूसरे को दें। साथ ही मिलकर एक्टिविटीज को डवलप करें। एक्टिविटीज इनवॉल्वमेंट, टीचिंग मैथेड, नॉलेज शेयरिंग के अलावा स्कूल्स को कल्चरल प्रोग्राम एक्सचेंज भी करना होगा। इनीशिएटिव के तहत स्कूल ग्रूपिंग करने के दौरान एक स्कूल को लीड कॉलोब्रेटेर के रूप में एक स्कूल को मनोनीत किया जाएगा।
रिसर्च वर्क भी होगा प्रमोट
जानकारी के अनुसार इन लर्निंग हब में जहां एक्टिविटीज प्रमोट करने की कोशिश होगी, वहीं नॉलेज शेयरिंग और रिसर्च वर्क को भी बढ़ावा दिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि पिछले साल दिसंबर में रिसर्च वर्क के इनीशिएटिव के दौरान बोर्ड ने अपने तुलनात्मक अध्ययन में यह पाया है कि स्कूलों की क्लबिंग की जाए, ताकि नॉलेज शेयर से अच्छे आउटपुट्स निकलकर सामने आए। उल्लेखनीय है कि स्कूलों के ग्रुप बनाने के लिए बोर्ड ओएसिस (ऑनलाइन एफिलिएटिड स्कूल इंफॉर्मेशन सिस्टम) के डेटा को भी वेरिफाई करेगा।
सहोदय की तर्ज पर
बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार जैसे सहोदय के जरिए बोर्ड ने सिटीवाइज बड़े स्तर पर स्कूलों को जोड़ा था, वहीं इसके जरिए मिनी सहोदय क्लब बनाने की कोशिश की जा रही है। स्कूलों के छोटे ग्रुप्स में एक्टिविटीज को बढ़ाने देने का मुख्य मकसद नॉलेज शेयरिंग को बढ़ावा देना है।