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एजुकेशन में 10 फीसदी आरक्षण को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, जाने यहां

locationजयपुरPublished: Jan 18, 2019 03:51:11 pm

केंद्र सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण का जो प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया है, उसमें यह भी कहा गया है कि इसके लिए होने वाला खर्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वयं वहन करना होगा।

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आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण को भले ही मोदी सरकार ने इसी साल से देश के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में लागू करने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय कोई रोडमैप नहीं दे पा रहा है, साथ ही केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि इसे लागू करने के लिए सीटों को बढ़ाने पर होने वाला खर्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वयं उठाना होगा।

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा था कि 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए शिक्षण संस्थानों में करीब 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएगी। इतनी सीटें बढ़ाने के साथ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कमरों, शिक्षकों, कर्मचारियों सहित संसाधनों में बढ़ोतरी करनी होगी। इस पर बड़ा खर्च आएगा। साथ ही आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के इस आरक्षण के तहत होने वाले प्रवेश में फीस में भी राहत देनी होगी। इतना बड़ा खर्च संस्थानों को अपने स्तर पर उठाना बहुत मुश्किल होगा।

केंद्र सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण का जो प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया है, उसमें यह भी कहा गया है कि इसके लिए होने वाला खर्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वयं वहन करना होगा। इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा है, ‘जब भी सीटों में बढ़ोतरी होती है तो सरकार हमेशा जरूरत के मुताबिक फंड उपलब्ध कराती है।’ लेकिन अभी भी मंत्रालय ने स्पष्ट नहीं किया है कि वह कितना फंड देगी, कब देगी और कितनी किश्तों में देगी।

मोदी बोले, कॉलेजों-विवि में इसी साल से आरक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आरक्षण का लाभ इसी वर्ष नए सत्र से देश के 900 विवि और लगभग 40 हजार कॉलेजों में मिलेगा। तकनीक, गैर तकनीकी, प्रबंधन-हर प्रकार के संस्थानों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके लिए जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। संस्थानों में सीटों की संख्या भी 10 फीसदी बढ़ाई जाएगी।

अपना पक्ष साफ करे मोदी सरकार
निजी शिक्षण संस्थानों से संबंधित संस्था एजुकेशन प्रोमोशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (ईपीएसआइ) ने कहा है कि सरकार को सबसे पहले साफ करना चाहिए कि क्या वे एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण लागू करने का खर्चा उठाएगी। संस्था का कहना है कि अगर सरकार इसे लेकर निजी संस्थानों को सब्सिडी देती है तो इसे लागू करने में कोई दिक्कत नहीं है।

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