स्टूडेंट आयुषि ने बताया कि उनके सेंटर पर १२ मिनट बाद पेपर शुरू हुआ। इसके अलावा स्क्रीन बार-बार फ्रीज हो रहा था। स्टूडेंट मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके सेंटर पर कई बार कम्प्यूटर हैंग हुआ। स्टूडेंट्स ने इसकी शिकायत फीडबैक के जरिए दे दी है। शहर में परीक्षा के लिए १५ सेंटर बनाए गए थे। जहां लगभग तीन हजार स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया। एक्सपट्र्स के अनुसार, पेपर थोड़ा मुश्किल रहा। स्टूडेंट्स को दो घंटे में २०० सवाल करने थे। एक्सपर्ट अभिषेक चतुर्वेदी ने बताया कि स्टेटिक जीके के अनकंवेंशनल क्वेश्चन देखने को मिले।
मैथ्स काफी टफ रही, इसमें टाइम कंज्यूमिंग क्वेश्चन काफी ज्यादा रहे। एक्सपर्ट नवनीत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि रीजनिंग में नॉन वर्बल का वेटेज ज्यादा। लीगल आसान थी। ओवरऑल इंग्लिश नॉर्मल रही। लीगल एप्टीट्यूड का सेक्शन मॉडरेट रहा। एक्सपट्र्स के अनुसार, कटऑफ लास्ट ईयर से कम जाने की संभावना है। स्टूडेंट अक्षय जैन ने बताया कि
अजमेर रोड स्थित एक सेंटर पर काफी तकनीकी समस्याएं आईं। पहले तो पेपर १२ मिनट बाद शुरू हुआ। इसके बाद वापस लॉगइन कर एग्जाम शुरू किया गया तो हमसे कहा गया कि एक्सट्रा टाइम दिया जाएगा, लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद उन्हें समय नहीं दिया गया। स्टूडेंट्स से कहा गया कि शिकायत का लैटर लिखकर दो, लेकिन सेंटर पर अधिकारी उन्हें छोडक़र चले गए। स्टूडेंट्स ने शिकायतों को लेकर सेंटर पर हंगामा भी किया।
इस बार नया इंटरफेस दरअसल, तकनीकी समस्याओं का कारण इस बार नया इंटरफेस सामने आना माना जा रहा है। क्लैट आयोजकों ने इस बार नई एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी दी है। एग्जाम में इस साल कई बदलाव भी देखने को मिले हैं। कॉलेज के चेयरमैन जी.सी.टेटरवाल का कहना है कि हमने तो सिर्फ वेन्यू दिया था।
जोधपुर से आए ऑब्जर्व के दिए गए निर्देशों के अनुसार ही एग्जाम कंडक्ट कराया गया था। कई स्टूडेंट्स को एक्सट्रा टाइम दिया भी गया है।