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Surgical Strike दिवस मनाए जाने को लेकर यूजीसी ने लिखा पत्र, विवाद

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2018 11:51:41 am

देश के विश्वविद्यालयों में 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाए जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परिपत्र से विवाद खड़ा हो गया है।

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देश के विश्वविद्यालयों में 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाए जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परिपत्र से विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने जहां इसका विरोध किया है, वहीं सरकार ने कहा है कि यह किसी पर बाध्यकारी नहीं है और इसमें मामले में उसकी ओर से कोई राजनीति नहीं की जा रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 19 सितंबर को सभी कुलपतियों को परिपत्र भेजकर विश्वविद्यालयों में 29 सितम्बर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने को कहा था। इसका विरोध करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि यह निर्देश स्तब्ध करने वाला है।

तो, क्या यूजीसी करेगा हिम्मत
उन्होंने कहा, इस तरह के निर्देश विश्वविद्यालय प्रणाली की स्वतंत्रता खत्म कर रहे हैं। कांग्रेस नेता कटाक्ष किया कि आठ नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी गरीब लोगों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए उचित ठीक होगा कि वह इसका भी जश्न मनाएं जिससे लोगों की कठिनाईयां बढ़ गइ थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस के रूप में मनाने के निर्देश दिए हैं। क्या यह छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने के लिए है या भाजपा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए है। क्या यूजीसी आठ नवंबर को गरीब लोगों की आजीविका पर ‘सर्जिकल स्ट्राइकÓ को मनाने के निर्देश देने की हिम्मत करेगा।

यूजीसी का हो रहा दुरुपयोग
हालांकि, उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेना का सम्मान करती है और राष्ट्रीय महत्व के दिनों पर तथा सशस्त्र सेनाओं की वीरता का जश्न मनाया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में शामिल है। लेकिन, केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपनी मंशा विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों पर थोपने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश इस बात का सबूत है कि यूजीसी का दुरुपयोग किया जा रहा है।

जेएनयू के उप कुलपति ने किया स्वागत
इस बीच जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) के उप कुलपति जगदीश कुमार ने यूजीसी के परिपत्र का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, देश को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जान गंवाने वाले सशस्त्र सेनाओं के जवानों के प्रति आभार जताने तथा उन्हें श्रद्धांजलि देने का यह बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि देशभर के विश्वविद्यालयों को इस दिन को सशस्त्र सेनाओं की भूमिका के बारे में छात्रों को संवेदनशील बनाने के अवसर के रूप में मनाना चाहिए।

गौरतलब है कि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को परिपत्र भेजा है जिसमें कॉलेजों को कहा है कि वे पूर्व सैनिकों को बुलाकर छात्र-छात्राओं को बताएं कि किस तरह सेना सीमा की रक्षा करती है। स्टुडेंट्स को यह भी कहा गया है कि वे सैनिकों को पत्र लिखकर या शुभकामना कार्ड भेजकर उनका मनोबल बढ़ाएं तथा इस बारे में फोटो आदि सोशल मीडिया और पत्र सूचना कार्यलय की वेबसाइट पर अपलोड भी करें। यह पहला मौका है जब यूजीसी ने इस तरह का परिपत्र जारी किया है।

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