scriptउप्र : सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह 84 दिनों में होंगे | Convocation of every university should be organised under 84 days | Patrika News

उप्र : सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह 84 दिनों में होंगे

Published: Aug 13, 2018 11:18:54 am

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राज्य विश्वविद्यालय राम नाईक ने सत्र 2018-19 में होने वाले दीक्षांत समारोह की प्रस्तावित तिथियां घोषित कर दी हैं।

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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राज्य विश्वविद्यालय राम नाईक ने सत्र 2018-19 में होने वाले दीक्षांत समारोह की प्रस्तावित तिथियां घोषित कर दी हैं। दीक्षांत समारोह कैलेंडर के अनुसार, सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह 84 दिवसों में सम्पन्न होकर छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित हो जाएंगी।
राज्यपाल सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में स्वयं भी उपस्थित रहेंगे तथा दीक्षांत समारोह पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में सम्पन्न होंगे। इस वर्ष प्रथम दीक्षांत समारोह 24 अगस्त को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गोरखपुर) का होना है तथा 15 नवंबर, 2018 को अंतिम दीक्षांत समारोह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का संपन्न होना है।
गौरतलब है कि गत वर्ष प्रथम दीक्षांत समारोह 9 सितंबर 2017 को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ का आयोजित हुआ था तथा 19 मई 2018 को अंतिम दीक्षांत समारोह डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (लखनऊ) का संपन्न हुआ था। गतवर्ष कुल 253 दिवसों में सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह हो सके थे।
नाईक ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण करने के बाद से ही कुलाधिपति के रूप में प्रदेश की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास किया है। पूर्व में विश्वविद्यालय में शैक्षिक कलेंडर घोषित न होना, समय से प्रवेश न होना, ससमय परीक्षाएं आयोजित एवं परिणाम घोषित न होना एवं समय से दीक्षांत समारोह सम्पन्न न होने से छात्र-छात्राओं को समय से उपाधियां भी प्राप्त नहीं होती थीं, जिससे छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परिक्षाओं में सम्मिलित होने में बाधा आती थी।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कैलेंडर को सुव्यवस्थित करने एवं शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए प्रतिवर्ष 2 कुलपति सम्मेलन आयोजित कर उत्तर प्रदेश शासन के उच्चाधिकारियों, कुलपतियों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों से चर्चा की तथा मार्गदर्शन किया। इसका ही परिणाम है कि अब विश्वविद्यालयों में समय से प्रवेश हो रहे हैं तथा परीक्षाएं आयोजित होकर परिणाम भी घोषित हो रहे हैं। सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह भी निश्चित समय सीमा में करने के लिए प्रस्तावित कैलेंडर घोषित किया गया है।
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