दूसरे जोखिम में तो आप भी सुरक्षित नहीं
राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना के बाद दुनिया को जन स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान देना पड़ेगा। कोविड-19 ने सार्वभौमिक भाईचारे का पाठ पठाया है। अगर दूसरे जोखिम में हैं तो आप भी सुरक्षित नहीं हैं। देश में स्वास्थ्य सेवा के सभी चरणों-रोकथाम, डायग्नोसिस (रोग की पहचान) और उपचार में बदलाव अवश्यंभावी है। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कोई भी इकाई अकेले परिणाम नहीं दे सकती है। इस क्षेत्र के विकास के लिए सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी और नवाचार का उचित उपयोग जरूरी है।
कोरोना योद्धाओं पर गर्व
राष्ट्रपति ने कहा कि देश को खुद की जान जोखिम में डाल कर महामारी का सामना करने वाले चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर गर्व है। आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल कोरोना रोधी वैक्सीन का विकास किया बल्कि अन्य देशों तक भी इसे पहुंचाया। सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है। भारत ने महामारी को समय रहते समझा और उचित कदम से अनगिनत लोगों की जान बची। आरजीयूएचएस ने 2 लाख से ज्यादा चिकित्सकों, नर्सों, प्रशासकों सहित अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है जिससे कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद मिली।