नायडू ने कहा कि आतंकवादी, नक्सली और दूसरी राष्ट्रद्रोही ताकतें ‘हवाला’ के जरिए धन प्राप्त कर रही हैं। आतंकवाद व दूसरे खतरों से निपटने में सीआरपीएफ कर्मियों की भूमिका को गौरवशाली बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को देश के लिए लडऩे वालों के लिए और सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर देना चाहिए।
नायडू ने बलों में खाली पदों को भरे जाने की जरूरत को भी रेखांकित किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीआरपीएफ दुनिया की सबसे बड़ा सशस्त्र अद्र्धसैनिक बल है। इस मौके पर नायडू ने कर्मियों को उनके सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कृत किया। सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर, मौजूदा समय में अकादमी का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार भी इस मौके पर मौजूद रहे।