लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, विश्वविद्यालय में दूसरी कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद इस कोटे के तहत महज 27 फीसदी छात्रों का दाखिल हो पाया है। विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस कटेगरी के तहत 5,600 सीटें हैं, जिनमें से महज 1,527 स्टूडेंट्स ने इस कोटे के तहत अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लिया है। स्टूडेंट्स और प्रोफेसरों का कहना है कि दाखिले के लिए आवश्यक न्यूनतम अंक यानी कटऑफ ज्यादा होने के कारण दाखिले में कमी रही है। यह सामान्य कटेगरी के स्टूडेंट्स के समान ही है।
विश्वविद्यालय में उपलब्ध 62,000 सीटों में 80 फीसदी सीटें भरी जा चुकी हैं, क्योंकि 10 जुलाई तक विश्वविद्यालय में 50,989 स्टूडेंट्स ने दाखिला ले रखा था। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) के बी. ए. अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में ईडब्ल्यूएस कटेगरी के तहत दाखिल के लिए तीसरी कटऑफ लिस्ट में आवश्यक अंक 97.25 फीसदी हैं। हालांकि अर्थशास्त्र (ऑनर्स) (Economic Honours) में दाखिला पहली कटऑफ लिस्ट के बाद ही बंद हो गया था, लेकिन अनुसूचित जाति (एससी), ईडब्ल्यूएस और कश्मीरी प्रवासियों के लिए अभी तक प्रवेश खुला है।
ईडब्ल्यूएस का कटऑफ सबसे ज्यादा है। यही परिदृश्य ज्यादातर कॉलेजों में है। रामजस कॉलेज में अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में दाखिले के लिए कटऑफ फीसदी सामान्य श्रेणी (97.50)और ईडब्ल्यूएस (97) दोनों के लिए तकरीबन समान है। अंग्रेजी (ऑनर्स) में दाखिले के लिए सामान्य श्रेणी का कटऑफ 96 फीसदी और इडब्ल्यूएस का 95.50 फीसदी था, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का 92.75 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (एसटी) का 88.75 फीसदी और शारीरिक रूप से अशक्तों के लिए 88.75 फीसदी कटऑफ था।