दरअसल, राजस्थान यूनिवर्सिटी ने यूजीसी का एंटी-प्लेजरिजम सिस्टम लागू कर दिया है। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में एकेडमिक इंटीग्रेटी एंड प्रिवेंशन ऑफ प्लेजरिजम की अनुशंषा कुछ वर्षों पहले की थी। देश के अधिकांश यूनिवर्सिटी ने इसे अपना भी लिया।
रजिस्ट्रार ने जारी किए आदेश
राजस्थान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विवेक कुमार ने हाल ही में इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार शोध कार्य को एंटी प्लेजरिजम सॉफ्टवेयर टीयूआर एनआईटी आईएन में रन करना होगा। रन होने पर पता लगेगा कि शोध कार्य में किसी प्रकार की साहित्यिक चोरी तो नहीं है। सॉफ्टवेयर की रिपोर्ट के बगैर कोई भी शोध कार्य सब्मिट नहीं होगा।