प्रश्न – (1) कलफ लगे कपड़े पर गर्म इस्त्री करने से पहले उस पर आमतौर पर थोड़ा सा पानी छिडक़ दिया जाता है। क्या आपने सोचा है कि इसका क्या संबंध है?
उत्तर – इस्त्री करने से पहले कपड़ों पर पानी छिडक़ने से उनमें लगे कलफ का घोल बन जाता है। इससे कपड़े को मुलायम बनाने में मदद मिलती है। गर्म इस्त्री से पानी जल्दी से भाप बनकर उड़ जाता है और अपने पीछे कपड़े की कडक़ सतह छोड़ जाता है।
उत्तर – इस्त्री करने से पहले कपड़ों पर पानी छिडक़ने से उनमें लगे कलफ का घोल बन जाता है। इससे कपड़े को मुलायम बनाने में मदद मिलती है। गर्म इस्त्री से पानी जल्दी से भाप बनकर उड़ जाता है और अपने पीछे कपड़े की कडक़ सतह छोड़ जाता है।
प्रश्न – (2) इटली के प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री एनरिको फर्मी ने एक बार एक परीक्षा के दौरान एक छात्र से पूछा था, जैतून के तेल के उबलने का बिंदु, टीन के गलने के तापमान से ऊंचा है। अब यह बताओ कि फ्राइंग पैन में जैतून के तेल में भोजना पकाना कैसे संभव है?’ क्या आप इस सवाल का जवाब दे सकते हैं?
उत्तर – इसके उत्तर के पीछे एक साधारण सा तथ्य है। जब भोजन को तला जाता है, तब तेल नहीं बल्कि भोजन में मौजूद पानी उबलता है। निश्चिय ही पानी के उबलने का तापमान टिन के गलन ताप से कम है।
उत्तर – इसके उत्तर के पीछे एक साधारण सा तथ्य है। जब भोजन को तला जाता है, तब तेल नहीं बल्कि भोजन में मौजूद पानी उबलता है। निश्चिय ही पानी के उबलने का तापमान टिन के गलन ताप से कम है।
प्रश्न – (3) एक बोतल में से शहद डालिए। अगर आप शहद की गिरती हुई पतली धार को एक चाकू से रोकेंगे तो पाएंगे कि चाकू के ऊपर शहद की धार सिकुडक़र वापस बोतल में चली जाएगी। गुरुत्व के विरुद्ध यह प्रभाव आखिर उत्पन्न कैसे होता है?
उत्तर – किसी भी तरल पदार्थ की सतह एक झिल्ली जैसी बनी होती है और उसमें ऊर्जा संचित होती है। प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगी इस ऊर्जा का मान ही वास्तव में सतह के तनाव का मान है। यह तनाव ही, सतह के क्षेत्रफल को न्यूनतम बनाए रखता है। जब शहद की मात्रा उसकी सतह के तनाव के खिंचाव से ज्यादा हो जाती है तो शहद की धार जैसे खिंचकर नीचे आती है। धार का चाकू से काट देने पर चाकू के ऊपर शहद का भार कम हो जाता है। अगर धार को शहद के बर्तन के मुंह के बहुत नीचे नहीं काटा जाए तो अक्सर सतह का तनाव गुरुत्वाकर्षण बल से ज्यादा ताकतवर होगा। नल से गिरती पानी की बूंदों के साथ भी यही देखा है। पानी नल के मुंह पर इकट्ठा होता है तो बूंद लंबी और अंडाकार हो जाती है। धीरे-धीरे बूंद और बड़ी हो जाती है और अंत में नल के मुंह से गिर जाती है। बाकी पानी ऊपर की ओर सिमट जाता है।
उत्तर – किसी भी तरल पदार्थ की सतह एक झिल्ली जैसी बनी होती है और उसमें ऊर्जा संचित होती है। प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगी इस ऊर्जा का मान ही वास्तव में सतह के तनाव का मान है। यह तनाव ही, सतह के क्षेत्रफल को न्यूनतम बनाए रखता है। जब शहद की मात्रा उसकी सतह के तनाव के खिंचाव से ज्यादा हो जाती है तो शहद की धार जैसे खिंचकर नीचे आती है। धार का चाकू से काट देने पर चाकू के ऊपर शहद का भार कम हो जाता है। अगर धार को शहद के बर्तन के मुंह के बहुत नीचे नहीं काटा जाए तो अक्सर सतह का तनाव गुरुत्वाकर्षण बल से ज्यादा ताकतवर होगा। नल से गिरती पानी की बूंदों के साथ भी यही देखा है। पानी नल के मुंह पर इकट्ठा होता है तो बूंद लंबी और अंडाकार हो जाती है। धीरे-धीरे बूंद और बड़ी हो जाती है और अंत में नल के मुंह से गिर जाती है। बाकी पानी ऊपर की ओर सिमट जाता है।
प्रश्न – (4) आपने बर्फ की सिल्ली से धुआं उठते देखा होगा। यह क्या है?
उत्तर – यह धुआं गैस नहीं बल्कि वाष्प है जो बर्फ की ठंड के कारण उसके आस-पास जम जाती है। बर्फ के आस-पास की हवा ज्यादा ठंडी होने पर उससे वाष्प पानी की बूंदों में बदलकर हवा के झोंके से धुएं की तरह लगती है।
उत्तर – यह धुआं गैस नहीं बल्कि वाष्प है जो बर्फ की ठंड के कारण उसके आस-पास जम जाती है। बर्फ के आस-पास की हवा ज्यादा ठंडी होने पर उससे वाष्प पानी की बूंदों में बदलकर हवा के झोंके से धुएं की तरह लगती है।
प्रश्न – (5) कीप से किसी बोतल में लिक्विड डालते समय वह कीप में इकट्ठा हो जाता है और नीचे न बह पाने के कारण कीप को उठाना पड़ता है, क्यों?
उत्तर – जैसे-जैसे तरल बोतल में घुसता है, वह बोतल में कैद हवा को दबाता है। थोड़ी देर बाद बोतल में हवा का दाब इतना ज्यादा हो जाता है कि वह ऊपर के कीप में भरे तरल के भार को संभाल सके। कीप को उठाने पर बोतल में दबी हवा बाहर निकल जाती है और लिक्विड नीचे चला जाता है।
उत्तर – जैसे-जैसे तरल बोतल में घुसता है, वह बोतल में कैद हवा को दबाता है। थोड़ी देर बाद बोतल में हवा का दाब इतना ज्यादा हो जाता है कि वह ऊपर के कीप में भरे तरल के भार को संभाल सके। कीप को उठाने पर बोतल में दबी हवा बाहर निकल जाती है और लिक्विड नीचे चला जाता है।